maa skandmata puja vidhi mantra bhog aarti

5th Day of Navratri: चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा विधि क्या है? जानें मंत्र, भोग, आरती, शुभ रंग और कथा

आइए जानते हैं कि मां स्कंदमाता की पूजा कैसे करें, उनके किन मंत्रों का जाप करें, उन्हें कौन-सा भोग अर्पित करें, उनकी आरती, प्रिय रंग और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।
Editorial
Updated:- 2025-04-02, 05:12 IST

नवरात्रि के पांचवे दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा का विधान है। मां स्कंदमाता सिंह पर विराजमान हैं और उनकी चार भुजाएँ हैं। उनकी ऊपर की दायीं और बायीं भुजा में कमल के पुष्प सुशोभित हैं। नीचे की दायीं भुजा में वे भगवान कार्तिकेय को गोद में धारण किए हुए हैं, जबकि नीचे की बायीं भुजा से वे अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान कर रही हैं। मां का यह स्वरूप ममता और वात्सल्य का प्रतीक है। उनकी उपासना करने से संतान हीन व्यक्ति को संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही, संतान की रक्षा भी होती है। संतान का भाग्य चमक उठता है। ऐसे में आइए ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं कि मां स्कंदमाता की पूजा कैसे करें, उनके किन मंत्रों का जाप करें, उन्हें कौन-सा भोग अर्पित करें, उनकी आरती, प्रिय रंग और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।

नवरात्रि का पांचवा दिन: मां स्कंदमाता की पूजा विधि

maa skandmata ki puja

प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। माता स्कंदमाता के पूजन के लिए सफ़ेद या पीले रंग के वस्त्र धारण करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। पूजा स्थल पर मां स्कंदमाता की प्रतिमा या चित्र को एक चौकी पर स्थापित करें और मूर्ति रखने से पहले चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं।

माता के समक्ष घी का दीपक प्रज्वलित करें और संकल्प लें कि आप विधिपूर्वक उनकी पूजा करेंगे। पूजन के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और घर-परिवार के कल्याण की कामना करें। पूजन के उपरांत माता स्कंदमाता की आरती करें और उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग अर्पित करें। भोग अर्पण के बाद इसे पूरे परिवार में वितरित करें और स्वयं भी ग्रहण करें।

यह भी पढ़ें: Navratri Aur Sade Sati: शनि की साढ़े साती से मुक्ति के लिए क्यों लाभकारी मानी जाती है नवरात्रि? जानें इससे जुड़े उपाय

नवरात्रि का पांचवा दिन: मां स्कंदमाता के मंत्र

मां स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के पांचवे दिन उनके इन चार मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए। ध्यान मंत्र: 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कन्दमातायै नमः॥' इस मंत्र के जाप से भक्त को शुभता और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है। बीज मंत्र: 'ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥' का उच्चारण करने से मां कूष्माण्डा की कृपा प्राप्त होती है और साधक को शक्ति व ऊर्जा मिलती है।

यह विडियो भी देखें

स्तोत्र मंत्र: 'वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्। सिंहरूढ़ा चतुर्भुजा स्कन्दमाता यशस्विनीम्।।' इस मंत्र के माध्यम से भक्त मां की कृपा एवं आशीर्वाद प्राप्त करता है और उसके जीवन में सकारात्मकता आने लगती है। वहीं, अष्टभुजा देवी मंत्र: 'पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्। मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल धारिणीम्।।' का जाप करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है और सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है एवं सुख-सौभाग्य एं वृद्धि होती है।

maa skandmata ki puja vidhi

नवरात्रि का पांचवा दिन: मां स्कंदमाता की आरती

जय तेरी हो स्कंद माता। पांचवां नाम तुम्हारा आता॥
सबके मन की जानन हारी। जग जननी सबकी महतारी॥

तेरी जोत जलाता रहू मैं। हरदम तुझे ध्याता रहू मै॥
कई नामों से तुझे पुकारा। मुझे एक है तेरा सहारा॥

कही पहाडो पर है डेरा। कई शहरों में तेरा बसेरा॥
हर मंदिर में तेरे नजारे। गुण गाए तेरे भक्त प्यारे॥

भक्ति अपनी मुझे दिला दो। शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो॥
इंद्र आदि देवता मिल सारे। करे पुकार तुम्हारे द्वारे॥

दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए। तू ही खंडा हाथ उठाए॥
दासों को सदा बचाने आयी। भक्त की आस पुजाने आयी॥

यह भी पढ़ें: नवरात्रि के दौरान आ जाएं पीरियड्स तो कैसे करें पूजा?

नवरात्रि का पांचवा दिन: मां स्कंदमाता का प्रिय रंग

नवरात्रि के पांचवे दिन, जो कि मां स्कंदमाता की पूजा का दिन होता है, पीले या सफेद रंग के वस्त्र धारण करने का विशेष ज्योतिषीय लाभ है। पीला रंग शांति, समृद्धि और मानसिक संतुलन का प्रतीक है। यह रंग मानसिक तनाव को कम करता है और व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर करता है। पीला रंग स्वच्छता और दिव्य शक्ति का भी प्रतीक होता है, जो मां स्कंदमाता के पूजा के दौरान विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।

इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने से मां कूष्माण्डा की कृपा प्राप्त होती है और पूजा में समर्पण और निष्ठा को प्रकट करने में मदद मिलती है। साथ ही, यह रंग आपकी आत्मिक शक्ति और बुद्धि को जाग्रत करने में मदद करता है, जो जीवन में सफलता और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है। इसके अलावा, नीला रंग मानसिक शांति और तनावमुक्ति प्रदान करता है, जो पूजा के दौरान एकाग्रता बनाए रखने में सहायक होता है।

maa skandmata puja

नवरात्रि का पांचवा दिन: मां स्कंदमाता का भोग

मां स्कंदमाता को विशेष रूप से हलवा, मालपुआ और दही का भोग अर्पित किया जाता है। इसके अलावा, सफेद रंग की मिठाई या दूध से बनी मिठाइयां भी मां को चढ़ाई जा सकती हैं। मां की आरती के बाद भोग अर्पित करें और फिर इसे प्रसाद रूप में सभी भक्तों में वितरित करें।

भोग अर्पित करते समय यह सुनिश्चित करें कि मां की आराधना पूर्ण श्रद्धा और शुद्ध भाव से की जाए। भोग लगाते समय माता से उसे ग्रहण करने की प्रार्थना करें और उन्हें प्रेमपूर्वक आमंत्रित करें।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi 

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।

;