हिन्दू धर्म में नवरात्रि का महत्त्व अधिक है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के हर स्वरूप की पूजा की जाती है। वहीं नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि जीवन में सुख-समृद्धि लाने और संतान प्राप्ति के लिए मां स्कंदमाता की आरती करी जाती है।
बता दें कि मां स्कंदमाता माता पार्वती का ही रूप हैं और कार्तिकेय की माता है। तारकासुर नाम के राक्षस का अंत करने के लिए माता पार्वती ने मां स्कंदमाता का रूप धारण किया था। तो आइये पढ़ते हैं नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की आरती।
जय तुम्हारी गति विश्व में,
जय तुम्हारी लीला अपार।
स्कंदमाता तुम्ही हो माँ,
दया की सागर।
तुम्हारे ही तेज से,
विराजे शिवजी महार।
तुम्हारी महिमा का,
वर्णन नहीं किया जा सकता।
तुम्हारी यशोगाथा,
सुनकर मन ललचाता।
तुम्हारी आरती,
गुनगुनाकर मन खिलखिलाता।
स्कंदमाता तुम्ही हो माँ,
दया की सागर।
तुम्हारी कृपा से,
मन को शांति मिले।
जय तुम्हारी गति विश्व में,
जय तुम्हारी लीला अपार।
स्कंदमाता तुम्ही हो माँ,
दया की सागर।
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