
किसी भी यात्रा की योजना बनाते समय हम कई बातों के बारे में विचार करते हैं। जैसे कि बजट से लेकर जगह तक और वाहन से लेकर सही मौसम तक । दरअसल, इन सभी जरूरी बातों के साथ ज्योतिष में भी एक बात है, जिसका आपको ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। वह बात है किसी भी दिशा की तरफ जाने से पहले दिशा शूल की जानकारी होना।
आपने कई बार घर के बड़े-बुजुर्गों के मुंह से ये बात जरूर सुनी होगी कि किसी विशेष दिन पर किसी निश्चित दिशा में जाने से बचना चाहिए, अन्यथा आपके काम पूरे नहीं होंगे और समस्याएं आ सकती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यात्रा के समय सही दिशा का चयन करना भी बेहद महत्वपूर्ण है।
इसे दिशा शूल के रूप में जाना जाता है। दिशा शूल की अवधारणा प्राचीन काल से चली आ रही है और यह मान्यता है कि यदि यात्रा के लिए गलत दिशा का चयन किया जाए, तो यह आपके लिए असुविधा होने के साथ कार्य में बाधाओं की वजह बन सकती है। इस बात को विस्तार से जानने के लिए हमने ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से बात की। आइए जानें, इसके बारे में विस्तार से।

दिशा शूल एक ज्योतिषीय अवधारणा है, जिसके अनुसार हर दिन एक विशेष दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं माना जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि हर दिन के लिए एक निश्चित दिशा निर्धारित होती है, जिसमें आपको यात्रा करने से बचना चाहिए।
यह दिशा आपके लिए शूल यानी कि कोई बाधा उत्पन्न कर सकती है। दिशा शूल से बचने के लिए सही दिशा चुनने के लिए आप किसी ज्योतिष एक्सपर्ट की सलाह भी ले सकते हैं। ऐसा करने से आपकी यात्रा सफल होती है और आपको यात्रा के शुभ फल भी मिलते हैं।
अगर हम ज्योतिष की बात करें तो प्रत्येक दिन के लिए अलग-अलग दिशाएं अशुभ मानी जाती हैं। दिशा शूल की गणना के अनुसार, नीचे बताई गई दिशाएं किसी भी यात्रा के लिए अशुभ मानी जाती हैं।

दिशा शूल की अवधारणा का आधार ज्योतिष गणनाओं और ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति पर आधारित होता है। यह माना जाता है कि कुछ दिन और दिशाएं हमारे ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के अनुसार प्रतिकूल हो सकती हैं। इसकी वजह से यात्रा में बाधाएं, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, धन हानि या अन्य समस्याएं शुरू हो सकती हैं।
दिशा शूल का ध्यान रखने से यात्रा के दौरान समस्याओं से बचा जा सकता है।
गलत दिशा में यात्रा करने से स्वास्थ्य समस्याएं और आर्थिक हानि हो सकती है। ज्योतिष के अनुसार, गलत दिशा में यात्रा करने से जीवन में अनचाही चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
सही दिशा में यात्रा करने से मानसिक शांति और सफलता प्राप्त होती है। व्यक्ति बिना किसी बाधा के अपने गंतव्य तक पहुंचता है और यात्रा सुखद होती है।
अगर आपको किसी वजह से यात्रा करनी पड़े, तो आपको कुछ उपाय आजमाने की सलाह दी जाती है।
दिशा शूल का महत्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं है, बल्कि इसके पीछे कुछ वैज्ञानिक तर्क भी हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, प्राचीन समय में लोगों के पास यातायात के आधुनिक साधन नहीं थे और यात्रा करने के लिए उन्हें प्राकृतिक संकेतों और मौसम पर निर्भर रहना पड़ता था।
कुछ दिशाओं में यात्रा करने से मौसम खराब होने की वजह से उस स्थान पर जाने में कठिनाई हो सकती थी, इसलिए उस जगह जाने से मना किया जाता था। इसके अलावा, ज्योतिष गणनाओं में ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति का भी ध्यान रखा जाता है। कुछ दिन और दिशा में यात्रा करने से आपके ग्रहों की दशा और दिशा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे आपके जीवन में अस्थिरता और कठिनाइयां आ सकती हैं।
इन्हीं कारणों से दिशा शूल को महत्वपूर्ण माना जाता है और किसी भी यात्रा से पहले इसकी जानकारी लेना जरूरी माना जाता है। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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