हिंदू धर्म में भगवान शिव को सबसे सरल और जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता माना जाता है। सावनके महीने में भक्त शिवलिंग पर चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ाते हैं। यह परंपरा सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि इसके पीछे गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व छिपा है। इसी वजह से यह चीज कई सालों से होती नजर आ रही है। पंडित जन्मेश द्विवेदी जी से इसकी दानकारी हमने वली। इसमें उन्होंने कई सारी बातों के बारे में बताया। आर्टिकल में आपको इसके बारे में बताते हैं।
भगवान शिव के गले में वासुकी नाग का वास होता है। नाग-नागिन शिव की शक्ति और संरक्षण के प्रतीक माने जाते हैं। चांदी पवित्रता, शांति और चंद्रमा से जुड़ी ऊर्जा का प्रतीक है। जब चांदी के नाग-नागिन को शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है, तो यह जीवन में संतुलन बनाने का काम करता है। इसलिए कई सारे लोग चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा शिवलिंग पर चढ़ाते हैं।
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