21 सितंबर 2025 को आश्विन माह की सर्वपितृ अमावस्या है। आज के दिन सूर्योदय सुबह 06:15 बजे होगा और सूर्यास्त शाम 06:21 बजे होगा। अमावस्या तिथि का प्रारंभ 20 सितंबर को रात 09:30 बजे होगा और इसका समापन 21 सितंबर को रात 09:12 बजे होगा। आज के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:51 से 12:40 बजे तक रहेगा जो किसी भी शुभ कार्य के लिए उत्तम माना जाता है। इस दौरान पितरों की पूजा और तर्पण का विशेष महत्व होता है। लेकिन आज के दिन राहुकाल का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी क्योंकि अगर गलती से आपने श्राद्ध कर्म या पितरों से जुड़ा काम राहुकाल में कर दिया तो इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। ऐसे में राहुकाल का समय जानने के लिए आप एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी द्वारा बताया गया आज का पंचांग देख सकते हैं।
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
अश्विन अमावस्या | पूर्वा फाल्गुनी | रविवार | शुभ | चतुष्पद |
प्रहर | समय |
सूर्योदय | सुबह 06:09 बजे |
सूर्यास्त | शाम 06:19 बजे |
चंद्रोदय | नहीं |
चंद्रास्त | नहीं |
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:34 बजे से सुबह 05:22 बजे तक |
अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:50 बजे से दोपहर 12:38 बजे तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 02:16 बजे से दोपहर 03:04 बजे तक |
गोधूलि मुहूर्त | शाम 06:19 बजे से शाम 06:43 बजे तक |
निशिता मुहूर्त | रात 11:50 बजे से रात 12:38 बजे तक |
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
राहु काल | शाम 04:48 बजे से शाम 06:19 बजे तक |
गुलिक काल | दोपहर 03:16 बजे से शाम 04:48 बजे तक |
यमगंड | दोपहर 12:14 बजे से दोपहर 01:45 बजे तक |
21 सितंबर 2025 को आश्विन माह की सर्वपितृ अमावस्या का विशेष त्यौहार है। इस दिन पितृ पक्ष का समापन होता है, जो 15 दिनों तक चलता है। यह दिन उन सभी दिवंगत पूर्वजों के लिए समर्पित होता है जिनकी मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं है या जिनके लिए श्राद्ध कर्म करना रह गया है। इस दिन परिवार के सदस्य अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान, और श्राद्ध करते हैं।
इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और अन्य वस्तुएं दान करते हैं। यह माना जाता है कि ऐसा करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और उनका आशीर्वाद परिवार पर बना रहता है। इस दिन पितरों के निमित्त किया गया हर कार्य बहुत शुभ माना जाता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है और परिवार पर से सभी बाधाएं दूर होती हैं।
21 सितंबर 2025 को सर्वपितृ अमावस्या है, इस दिन पितरों की आत्मा की शांति और उनका आशीर्वाद पाने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। इसके बाद, पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करें। इस दिन ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और अन्य वस्तुएं दान करना बहुत शुभ माना जाता है। आप चाहें तो किसी गाय को हरा चारा या गुड़ खिला सकते हैं क्योंकि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है।
शाम के समय एक दीपक जलाकर पीपल के पेड़ के नीचे रखें। पीपल के पेड़ में पितरों का वास माना जाता है। इसके अलावा, घर में दक्षिण दिशा में एक दीपक जलाएं और अपने पितरों का स्मरण करें। इस दिन पितरों के लिए बनाई गई खीर और पूड़ी को छत पर रखें, ताकि पक्षी उन्हें खा सकें। इन उपायों से आपके पितर प्रसन्न होते हैं और आपको उनका आशीर्वाद मिलता है जिससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
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image credit: herzindagi, gemini
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