हिंदू पंचांग के अनुसार आज श्रावण कृष्ण की एकादशी तिथि है और सोमवार का दिन है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि इस इस दिन एकादशी तिथि है। इसे कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन विष्णु जी की पूजा करने से व्यक्ति का भाग्योदय हो सकता है और मनोवांछित फलों की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज वृद्धि योग बन रहा है और रोहिणी नक्षत्र है। ज्योतिष गणना के हिसाब से इस दिन चंद्रमा मेष राशि में ही मौजूद हैं। अब ऐसे में आज सोमवार के दिन भगवान विष्णु का पूजा किस मुहूर्त में करना है और इस दिन सावन सोमवार भी है तो इस दिन शिव जी की पूजा किस मुहूर्त में करने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
श्रावण कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि | रोहिणी नक्षत्र | सोमवार | वृद्धि योग | बालव और तैतिल |
सूर्योदय | सुबह 5 बजकर 53 मिनट से लेकर |
सूर्यास्त | शाम 7 बजकर 12 मिनट तक |
चंद्रोदय | शाम 08 बजकर 41 मिनट से लेकर |
चंद्रास्त | सुबह 07 बजकर 55 मिनट तक |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04 बजकर 19 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 07 मिनट तक |
अमृत काल | शाम 06 बजकर 07 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 36 मिनट तक |
अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 12 बज्कर 06 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 02 बजकर 50 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 15 मिनट तक |
गोधूलि मुहूर्त | शाम 07 बजकर 22 मिनट से शाम 07 बजकर 42 मिनट तक |
निशिता मुहूर्त | रात 12 बजकर 05 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 46 मिनट तक |
संध्या मुहूर्त | शाम 7 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम 9 बजकर 21 मिनट तक |
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राहु काल | शाम 07 बजकर 36 मिनट से लेकर शाम 09 बजकर 14 मिनट तक |
गुलिक काल | दोपहर 02 बजकर 12 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 51 मिनट तक |
यमगंड | सुबह 10 बजकर 54 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक |
दिशाशूल | उत्तर दिशा, यात्रा करने से पहले दही-चीनी जरूर खाकर निकलें। |
दुर्मुहूर्त | दोपहर 12 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 52 मिनट तक |
एकादशी तिथि का आरंभ: 20 जुलाई 2025 को दोपहर 12:12 बजे
एकादशी तिथि की समाप्ति: 21 जुलाई 2025 को सुबह 09:38 बजे
22 जुलाई 2025 को सुबह 05:37 बजे से सुबह 07:05 बजे तक।
आज श्रावण कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है और इस दिन भगवान शिव की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। साथ ही आज कामिका एकादशी का व्रत भी रखा जा रहा है। इस दिन विशेष रूप से पूजा-अर्चना करें और उपायों के साथ-साथ मंत्रों का जाप करें।
आज सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही आद कामिका एकादशी का व्रत भी रखा जा रहा है तो इस दिन आप व्रत रखें और कथा सुनें। इससे उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। साथ ही इस दिन दान-पुण्य विशेष रूप से करें।
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Image Credit- HerZindagi
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