20 सितंबर 2025 को अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। आज के दिन शनिवार होने के साथ-साथ शिव चतुर्दशी का पर्व भी है जो विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है। एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी ने बताया कि आज के दिन शिव जी की पूजा करने से अच्छे स्वास्थ्य और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। यह तिथि श्राद्ध पक्ष में होने के कारण पितरों के तर्पण और पिंडदान के लिए भी महत्वपूर्ण है जिसे चतुर्दशी श्राद्ध भी कहते हैं। आज के दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र और साध्य योग जैसे शुभ संयोग भी बन रहे हैं जो किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने के लिए उत्तम हैं।
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
अश्विन कृष्ण चतुर्दशी | उत्तरा फाल्गुनी | शनिवार | साध्य | विष्टि |
प्रहर | समय |
सूर्योदय | सुबह 06:11 बजे |
सूर्यास्त | शाम 06:21 बजे |
चंद्रोदय | सुबह 05:27 बजे |
चंद्रास्त | शाम 05:46 बजे |
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:42 बजे से सुबह 05:30 बजे तक |
अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11:51 से दोपहर 12:40 तक |
अमृत काल | रात 02:45 बजे से सुबह 04:26 बजे तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 02:16 बजे से दोपहर 03:05 बजे तक |
गोधूलि मुहूर्त | शाम 06:20 बजे से शाम 06:44 बजे तक |
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
राहु काल | सुबह 09:12 से 10:43 तक |
गुलिक काल | सुबह 06:11 से 07:42 तक |
यमगंड | दोपहर 01:45 से 03:16 तक |
दुर्मुहूर्त | सुबह 06:11 से 07:00 तक और सुबह 07:00 से 07:49 तक |
वर्ज्य | सुबह 09:16 से 11:03 तक |
20 सितंबर 2025 को पर्व में शिव चतुर्दशी है और व्रत शनिवार का रखा जाएगा। ज्योतिष एवं धार्मिक दृष्टि से दोनों ही महतवपूर्ण हैं। शिव चतुर्दशी के दिन व्रत रखने और पूजा करने से व्यक्ति को कई लाभ मिलते हैं। शिव चतुर्दशी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।
वहीं, दूसरी ओर शिव चतुर्दशी चूंकि शनिवार की पड़ रही है तो ऐसे में इस दिन शनिदेव की पूजा करने से उनके अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है और शनि की साढ़ेसाती या ढैया से पीड़ित लोगों को विशेष राहत मिलती है। यह दिन न केवल भगवान शिव को समर्पित है, बल्कि शनिदेव की कृपा पाने का भी एक सुनहरा अवसर है। इस शुभ संयोग में पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य, धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और सभी दुख-दर्द दूर होते हैं।
20 सितंबर 2025 को शिव चतुर्दशी होने के कारण इस दिन सुबह स्नान के बाद भगवान शिव का अभिषेक करें। शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, भांग, धतूरा और शहद चढ़ाएं। 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें। यह दिन मासिक शिवरात्रि भी है, इसलिए शाम को सूर्यास्त के बाद के समय में भी पूजा करना बहुत शुभ होता है। इस दिन शिवलिंग पर काले तिल मिलाकर जल चढ़ाना भी शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने में मदद करता है।
शनिवार का दिन होने के कारण शनिदेव की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस दिन शनि मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। पीपल के पेड़ के नीचे भी दीपक जलाना और उसकी परिक्रमा करना लाभकारी होता है। जरूरतमंदों को काले तिल, उड़द की दाल, सरसों का तेल या कंबल जैसी काली वस्तुओं का दान करें। 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' मंत्र का जाप करें और शनि चालीसा का पाठ करें। इन उपायों से शनि की साढ़ेसाती और ढैया के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
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