11 september 2025 ka panchang

Aaj Ka Panchang 11 September 2025: सुनिए! क्या गुरुवार के दिन कोई शुभ मुहूर्त है? जानने के लिए देखें आज का पंचांग

आज के दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु पंचमी तिथि को हुई थी। इसके अलावा, गुरुवार का दिन होने के कारण यह भगवान विष्णु की पूजा के लिए भी बहुत शुभ है, जिससे पितरों के साथ-साथ विष्णु जी की कृपा भी मिलती है। 
Editorial
Updated:- 2025-09-11, 06:01 IST

11 सितंबर 2025 को अश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। इस दिन पंचमी तिथि शाम 04:31 बजे तक रहेगी, जिसके बाद षष्ठी तिथि शुरू हो जाएगी। यह दिन पितृ पक्ष में आता है, इसलिए इसे पंचमी श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु पंचमी तिथि को हुई थी। इसके अलावा, गुरुवार का दिन होने के कारण यह भगवान विष्णु की पूजा के लिए भी बहुत शुभ है, जिससे पितरों के साथ-साथ विष्णु जी की कृपा भी मिलती है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग भी बन रहे हैं जो किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए बहुत ही उत्तम माने जाते हैं। आज के सभी शुभ मुहूर्त जानने के लिए आप एमपी, छिंदवाड़ा के पंडित सौरभ त्रिपाठी द्वारा बताया गया आज का पंचांग देख सकते हैं।

आज का पंचांग 11 सितंबर 2025  

तिथि नक्षत्र दिन/वार योग करण
अश्विन कृष्ण पंचमी  भरणी गुरुवार शुभ वज्र

11 september ke panchang ke bare mein

आज सूर्य और चंद्रमा का समय 11 सितंबर 2025

प्रहर समय
सूर्योदय  सुबह 06:05 बजे
सूर्यास्त शाम 06:26 बजे
चंद्रोदय  रात 09:47 बजे
चंद्रास्त सुबह 10:11 बजे, अगले दिन

आज का शुभ मुहूर्त और योग 11 सितंबर 2025

मुहूर्त नाम मुहूर्त समय
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:30 बजे से सुबह 05:18 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:53 बजे से दोपहर 12:43 बजे तक
अमृत काल सुबह 04:47 बजे से सुबह 06:35 बजे तक

आज का अशुभ मुहूर्त 11 सितंबर 2025

मुहूर्त नाम मुहूर्त समय 
 राहु काल दोपहर 01:59 बजे से दोपहर 03:32 बजे तक
 गुलिक काल सुबह 09:11 बजे से सुबह 10:44 बजे तक
 यमगंड सुबह 06:05 बजे से सुबह 07:38 बजे तक

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11 september ke panchag ki details

आज व्रत और त्योहार 11 सितंबर 2025

11 सितंबर 2025 को कोई बड़ा व्रत या त्योहार नहीं है, लेकिन यह दिन हिंदू धर्म के पंचांग के अनुसार एक विशेष महत्व रखता है। यह दिन पितृ पक्ष का हिस्सा है, और इस दिन को पंचमी श्राद्ध के रूप में जाना जाता है।

पितृ पक्ष में श्राद्ध करने का सबसे बड़ा उद्देश्य अपने पितरों (पूर्वजों) की आत्मा को शांति प्रदान करना है। पंचमी श्राद्ध उन लोगों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हुई थी। इस दिन, परिवार के सदस्य अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण और ब्राह्मण भोजन कराते हैं। यह मान्यता है कि ऐसा करने से पितर तृप्त होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं, जिससे घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।

इसके अलावा, यह दिन गुरुवार को पड़ रहा है, जो भगवान विष्णु का दिन है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और उनकी आत्मा को शांति मिलती है। इसलिए, इस दिन पंचमी श्राद्ध के साथ-साथ भगवान विष्णु की पूजा करना भी बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व होता है, जिससे व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है।

आज का उपाय 11 सितंबर 2025

11 सितंबर 2025 का दिन, जो कि अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है, पितृ पक्ष के कारण बहुत ही खास है। इस दिन पंचमी श्राद्ध के साथ-साथ गुरुवार होने के कारण भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व है। इन दोनों का आशीर्वाद पाने के लिए आप कुछ सरल उपाय कर सकते हैं।

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें। इसके बाद, घर के दक्षिण दिशा में एक दीपक जलाएं और अपने पितरों का ध्यान करें। आप जल में काले तिल मिलाकर तर्पण कर सकते हैं। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। अगर संभव हो, तो किसी ब्राह्मण को घर पर बुलाकर भोजन कराएं या फिर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन दान करें। यह उपाय पितृ दोष को कम करने और पितरों का आशीर्वाद पाने में मदद करता है।

चूंकि यह दिन गुरुवार भी है, तो भगवान विष्णु की पूजा करना बहुत शुभ होगा। इस दिन पूजा के दौरान भगवान विष्णु को पीले फूल, पीले वस्त्र और गुड़ का भोग लगाएं। 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करना भी लाभकारी होगा। इसके अलावा, शाम के समय तुलसी के पौधे के पास एक दीपक जलाएं और तुलसी माता की आरती करें। यह उपाय घर में धन और समृद्धि लाने में मदद करता है और सभी आर्थिक परेशानियों को दूर करता है।

इस दिन पंचमी तिथि के साथ-साथ कुछ शुभ योग भी बन रहे हैं, इसलिए यह दिन ग्रहों की शांति के लिए भी बहुत अच्छा है। आप इस दिन भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं और उन्हें दूर्वा घास अर्पित कर सकते हैं, क्योंकि गणेश जी को केतु ग्रह का स्वामी माना जाता है। इस उपाय से केतु ग्रह का नकारात्मक प्रभाव कम होता है। इसके अलावा, अगर आपकी कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर है, तो इस दिन पीली वस्तुओं जैसे चने की दाल, हल्दी या पीले फलों का दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है।

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image credit: herzindagi 

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