एकादशी के दिन भूलकर भी न खाएं चावल, जानें कारण


Jyoti Shah
13-06-2023, 12:53 IST
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    एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। शास्त्रों में इस दिन के लिए विशेष नियम बताए गए हैं। कहा जाता है की इस दिन भोजन से परहेज करना चाहिए और चावल नहीं खाने चाहिए। आज हम बताने जा रहे हैं कि एकादशी के दिन चावल क्यों नहीं खाने चाहिए।

धार्मिक मान्यता

    पौराणिक कथाओं के मुताबिक, माता भागवती के क्रोध से बचने के लिए महर्षि मेधा ने अपने शरीर का त्याग कर दिया था। इसके बाद उनके शरीर के अंश पृथ्वी में समा गए थे।

चावल के रूप में जन्म

    माना जाता है की उन अंशों के धरती में समाने के परिणाम स्वरूप महर्षि मेधा ने चावल और जौ के रूप में धरती पर जन्म लिया। ऐसे में चावल और जौ को जीव मानते हैं।

कारण

    मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल खाना महर्षि मेधा के मांस और रक्त के सेवन करने जैसा होता है। इसलिए इस दिन चावल का सेवन नहीं किया जाता है।

रेंगने वाले जीव में जन्म

    मान्यता है की एकादशी के दिन चावल का सेवन करने से प्राणी रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है। इस कारण इस दिन चावल का सेवन वर्जित होता है।

वैज्ञानिक कारण

    चावल में जल तत्व की मात्रा अधिक होती है। वहीं, पानी में चंद्रमा का प्रभाव अधिक पड़ता है और चंद्रमा मन का कारक ग्रह होता है।

व्रत के नियम में बाधा

    वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार, चावल खाने से शरीर में जल की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे मन विचलित और चंचल होने लगता है। ऐसे में व्रत के नियमों का पालन करने में बाधा आती है।

दान करें

    इस दिन भूखे रहकर एक समय फलाहार करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा भजन कर ब्राह्मणों को सामर्थ्य अनुसार दान करना चाहिए।

    पुराणों के मुताबिक, जो भी एकादशी का व्रत रखता है उसके जीवन में कभी संकट नहीं आता है। स्टोरी अच्छी लगी हो, तो लाइक और शेयर करें। अन्य जानकारी के लिए यहां क्लिक करें herzindagi.com