रामसेतु से जुड़े ये अनोखे तथ्य शायद नहीं जानते होंगे आप


Preeti Sharma
24-11-2023, 10:17 IST
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    तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित रामसेतु का नाम तो आप सभी ने सुना होगा। यह पुल धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण है। इससे जुड़े कई किस्से हैं, जिन्हें आपको जानना चाहिए। आइए, जानें-

रामायण के अनुसार

    रामायण के अनुसार जब माता सीता का रावण ने अपहरण किया था, तो भगवान राम और उनकी सेना ने इस पुल का निर्माण किया था।

भारत और श्रीलंका को जोड़ता है पुल

    रामसेतु तमिलनाडु के पंबन द्वीप और श्रीलंका के मन्नार द्वीप को आपस में जोड़ता है। इस पुल की लंबाई लगभग 50 किलोमीटर है।

कैसे बना पुल

    धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान राम ने समुद्र पर सेतु बनाने की पूरी योजना बनाई थी। इसके निर्माण में वानरों की भी अहम भूमिका रही है।

कितने दिनों में हुआ

    निर्माण सेतु के निर्माण में सभी वानर पत्थर लाकर देते थे और नल नील नाम के वानर उन्हें पानी में फेंकते थे। इस पुल का निर्माण कार्य कुल पांच दिनों में पूरा किया गया था।

कितना पुराना है पुल

    रामायण के अनुसार रामसेतु करीब 3500 साल पुराना है। कई लोग इसे 7000 वर्ष पुराना भी मानते हैं। इसका वर्णन रामायण के अलावा स्कंद पुराण, विष्णु पुराण, अग्नि पुराण आदि ग्रंथों में भी मिलता है।

किससे हुआ पुल का निर्माण

    वैज्ञानिकों के अनुसार रामसेतु का निर्माण चूना पत्थर, कोरल रीफ और ज्वालामुखी से निकली चट्टानों से बना हुआ है।

अन्य नाम

    रामसेतु को अन्य कई नामों से जाना जाता है। इसे कई जगह एडम ब्रिज, सेतु बंध और नल सेतु भी कहा जाता है। राम की सेना द्वारा बनाए जाने की वजह से इसे राम सेतु कहा जाता है।

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