सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। कामिका एकादशी का व्रत करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कब है यह खास दिन, पूजन विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में।
तिथि
इस साल कामिका एकादशी का व्रत 13 जुलाई को रखा जाएगा। विष्णु जी चातुर्मास में 4 महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। ऐसे में इस खास अवसर पर भगवान की पूजा-अर्चना कर व्रत रखा जाता है।
शुभ मुहूर्त
कामिका एकादशी का आरंभ 12 जुलाई के दिन शाम 05 बजकर 59 मिनट से है, जिसका समापन 13 जुलाई के दिन 06 बजकर 24 मिनट पर होगा।
व्रत पारण का समय
इसके साथ ही कामिका एकादशी व्रत का पारण 14 जुलाई के दिन सुबह 05 बजकर 33 मिनट से शुरू होगा और 8 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगा।
महत्व
चातुर्मास में पड़ने की वजह से इस व्रत को बेहद खास माना जाता है। कामिका एकादशी के दिन व्रत करने से जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिल सकती है।
पितृ दोष से मुक्ति
कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने से अश्वमेध यज्ञ के समान फल प्राप्त होते हैं। कामिका एकादशी के दिन विष्णु जी को तुलसी के पत्ते अर्पित करने से व्यक्ति पितृ दोष से मुक्त हो सकता है।
पूजन विधि
इस दिन सुबह उठकर स्नान करें और पूजा घर में थोड़ा सा गंगाजल छिड़ककर पवित्र कर लें। अब लकड़ी चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं और भगवान विष्णु की मूर्ति को स्थापित करें।
आरती करें
इसके बाद विधि-विधान से पूजा करें और कथा सुनने के बाद आरती करें। पूजा करने के दौरान 'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें।
कहा जाता है कि भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी दल जरूर शामिल करना चाहिए। स्टोरी अच्छी लगी हो, तो लाइक और शेयर करें। इस तरह की अन्य जानकारी के लिए यहां क्लिक करें herzindagi.com पर।