इन गीतों के बिना अधूरा है छठ महापर्व


Smriti Kiran
25-10-2022, 13:01 IST
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    छठ महापर्व सिर्फ एक फेस्टिवल नहीं बल्कि एक परंपरा है, जो बिहार राज्य में पूरी श्रद्धा से मानाया जाता है। आइए जानें इस पर्व के मशहूर लोकगीत, जिनके बिना यह पर्व अधूरा है।

मारबों रे सुगवा धनुख

    गायिका अनुराधा पौडवाल द्वारा गाया गया गाना मारबों रे सुगवा धनुख छठ महापर्व में खूब बजाया जाता है। इस गाने की धुन आपको भाव विभौर कर सकती है।

उगा हे सूरज देव

    छठ महापर्व पर सालों से उगा हे सूरज देव गीत बजता आया है। इस गीत को भी हिंदी गायिका अनुराधा पौ़वाल ने गाया है। यह गाना छठ के दुसरे अर्ग के दिन बजाया जाता है।

पहिले पहिले हम कईनी

    मशहूर सिंगर शारदा सिन्हा के आवाज में पहिले पहिले हम कईनी छठी मईया व्रत तोहार लोकगीत छठ पर्व पर खूब सुना जाता है। इस गीत की धुन आपको मंत्रमुग्ध कर देगी।

केलवा के पात पर

    सिंगर शारदा सिन्हा की आवाज में गाया गया लोकगीत केलवा के पात पर उगेलन सुरुजमल बेहद लोकप्रिय छठ गीत है, जिसे श्रद्धालु बड़े भाव से सुनते हैं।

हमनी से बरत तोहार

    कबहुँ ना छूटी छठि मइया, हमनी से बरत तोहार लोकगीत छठ पर्व पर सुनी जाने वाली सबसे मशहूर गीतों में से एक है। इसे छठ के गाने की लिस्ट में शामिल करें।

कांच ही बांस के बहंगिया

    सिंगर अनुराधा पौडवाल की आवाज में कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए गीत छठ पर सबसे ज्यादा सुने जाने वाले गीतों में से एक है।

नारियल जे फरेला खवद से

    सिंगर चेतना की आवाज में गाया गया लोकगीत नारियल जे फरेला खवद से, ओह पर सुगा मेड़राए बेहद मशहूर छठ लोकगीत है। इसे छठ के गाने के एलबम में जरूर शामिल करें।

    आप भी इन लोकगीत को सुनें, यकीन मानिए इन लोकगीत के राग व धुन को सुनकर आप श्रद्धा से भर जाएंगे। छठ से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए पढ़ती रहें herzindagi.com