आप कई बार अपने दोस्तों के साथ भूली भटियारी महल घूमने गए होंगे लेकिन आज हम इस लेख में आपको दिल्ली के चर्चित भूली भटियारी का महल के बारे में कुछ रोचक बातें बताने जा रहे हैं।
रोचक इतिहास
इस महल को 14वीं शताब्दी में निर्मित किया गया था। यह महल दिल्ली में सेंट्रल रिज रिजर्व फॉरेस्ट में स्थित है। कहा जाता है कि उस समय तुगलक शासकों इसे शिकार लॉज के रूप में इसका इस्तेमाल किया करते थे और इसी स्थान पर जानवरों को मारकर भी रखा जाता था।
कैसे पड़ा भूली भटियारी नाम
कहा जाता है कि राजस्थान से एक भूरी नामक भटियारी जनजाति की महिला रास्ता भटक गई थी और वह इस महल में आकर रहने लगी थी, लेकिन कुछ दिनों बाद ही महिला ने यहीं दम तोड़ दिया था। कहा जाता है कि इस महिला की आत्मा ने महल में भटकती रहती है। शायद इसे इसलिए भूली भटियारी का महल कहा जाने लगा
कैसी है वास्तुकला?
अगर हम इस महल की वास्तुकला की बात करें, तो भूली भटियारी का महल लाल पत्थर से बना हुआ है, जो कभी शाही लोगों की शिकारगाह हुआ करता था। इस किले के दो प्रवेश द्वार हैं। सबसे पहले प्रवेश द्वार से अंदर घुसने पर आपको एक बहुत छोटा सा अहाता दिखाई देगा साथ ही आपको इस महल में प्रवेश करने का मुख्य द्वार मिलेगा
रात में लोगों का यह है मिथ
इस महल को लेकर कहा जाता है कि जैसे ही रात होती है वैसे ही यहां से अजीबोगरीब आवाज़े आना शुरू हो जाती हैं साथ ही, यह जगह रात के अंधेरे में और भी ज्यादा डरावनी और खतरनाक लगती है। इसलिए रात को यहां दूर-दूर तक कोई नहीं भटकता नहीं है।
कैसे पहुंचें?
अगर आप मेट्रो से भूली भटियारी महल जाना चाहते हैं, तो आप झंडेवालान मेट्रो तक जा सकते हैं। फिर वहां से आप पैदल रास्ता तय कर सकते हैं। इसके अलावा, आप अपनी गाड़ी से भी यहां जा सकते हैं या बस से झंडेवालान तक जा सकते हैं।
खुलने का समय: सुबह 8 बजे से 5.30 बजे
अवकाश: कोई अवकाश नहीं। साल में 365 दिन खुला रहता है।
प्रवेश टिकट: निशुल्क
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