भारत में कई पहाड़, घाटियां और घुमावदार रास्ते हैं जहां चलना आसन नहीं है। मगर इन रास्तों पर भी लोग अपनी गाडि़यों पर सवार हो कर निकलते हैं और एडवेंचर राइड का मजा लेते हैं। मगर इन रास्तों पर सावधानी बरतना बेहद जरूरी है क्योंकि यह रास्ते इतने खतरनाक हैं कि जरा सा भी ध्यान हटने पर बड़ा हादसा हो सकता है। ऐसे रास्तों पर चलने के लिए खास ट्रेनिंग की जरूर होती है। बिना ट्रेनिंग यहां ड्राइविंग संभव नहीं है। तो चलिए जानते इन रास्तों के बारे में ।
तिरुपति मंदिर रोड
साउथ इंडिया में तिरुपति मंदिर का बड़ा महत्व है। यहां डेली हजारो लोग माथा टेकने आते हैं। मगर यहां तक पहुंचने के लिए एक खतरनाक रास्ते से गुजरना पड़ता है। यह रास्तां समुद्र तट से 3200 फीट ऊंचाई पर स्थित है। यहां पहाडि़यों में घुमावदार रास्तेग बने हैं, जिनपर ड्राइव करना अपने आप में एक अचीवमेंट जैसा है।
रोहतांग दर्रा, मनाली
हिमाचल प्रदेश की धरती पर जहां आंखें जाती हैं खूबसूरती ही नजर आती है, मगर इन खूबसूरत जगहों तक पहुंचने के लिए एक खतरनाक रास्ते का सफर भी तय करना पड़ता है। इन्हीं खतरनाक रास्तों में रोहतांग पास का नाम भी आता है। यह रोड बेहद खतरनाक है। यहां किसी भी तरह की गाड़ी चलाना आसान काम नहीं है। यह रास्ता ऐसी है कि जरा सी सावधानी हटने पर यहां दुर्घटना हो जाती है। पहले इस रास्तर को रोहतांग भृगु तुंग कहते थे। मगर अब इसका नाम बदल कर रोहतांग दर्रा रख दिया गया है। यह रोड मनाली से रोहतांग के बीच बनी है। इस रोड पर जाना जितना रोमांचित करता है, उतना ही डराता भी है। इस रोड पर पूरे साल बर्फ जमी रहती है। मगर मई से नवंबर तक इस रोड से बर्फ को हटा दिया जाता है। जिन लोगों को सोलांग वैली देखनी होती है वही यात्री अपनी जान की बाजी लगा कर इस रोड पर ट्रैवल करते हैं। रोहतांग दर्रा समुद्री तल से 4111 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं।
किन्नौर रोड, हिमाचल प्रदेश
हिमांचल प्रदेश के किन्नौर जिले के संगला घाटी की ओर जाने के लिए किन्नौर रोड से गुजरना पड़ता है। इस रोड को खासतौर पर किन्नौर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए पहाड़ों को काट काट कर बनाया गया था। यह रोड आज भी कहीं से चौड़ी तो कहीं से पतली है। साथ ही यहां वाहन चलाना बेहद कठिन काम है क्योंकि यहां के रास्ते पत्थरीले हैं। अगर आपको पत्थरीले रास्तों पर गाड़ी चलाने का एक्सपीरियंस है, तब ही आप यहां पर गाड़ी चला सकते हैं। इन रास्तों में बीच बीच में कई गांव भी देखने को मिलते हैं। मगर सभी 4000 मीटर तक की ऊंचाई पर हैं इसीलिए यह जगह बेहद ठंडी है। सर्दियों में दिसंबर से मई तक घाटी में भारी बर्फबारी होती है इस लिए यह रोड तब तक के लिए बंद कर दी जाती है।
मुन्नार रोड, केरल
मुन्नार एक हिल स्टे शन है। यहां रोड के माध्याम से जाने के लिए इस रोड से गुजरना पड़ता है। इस रोड की शुरुआत कोच्चि से होती है लगभग 130 किलोमीटर पर यह सड़क मुन्नार को जोड़ती है।समुद्र तल से 1700 मीटर के ऊंचाई पर स्थित मुन्नार हिल स्टेशन होने की वजह से पूरे साल लोगों से भरा रहता है। कई यात्री यहां पर कोच्ची से रोड ट्रिप करके आते हैं। तब उन्हें इसी घुमावदार और पतली सड़कों से गुजरा पड़ता है। इस रोड पर दिन में ही ड्राइव करना अच्छा होता है क्योंकि जैसे जैसे रात होती है यह रोड खतरनाक होती जाती है क्योंकि यहा धुंध से सड़क नहीं दिखती और बिना फॉग लाइट के यहां गाड़ी चलाना मौत को दावत देना होता है।