
कोरोना काल में हर दूसरा इंसान परेशान है और इस दौर में हमारी मदद करने के लिए सामने आ रहे हैं ऐसे लोग जो अपने स्वार्थ के बारे में न सोचते हुए भी आगे बढ़ रहे हैं और लोगों की मदद करने में जुटे हुए हैं। ऐसी कई महिलाएं हैं जिन्होंने अपने घर-परिवार की ही नहीं बल्कि हज़ारों लोगों की मदद की है और कोविड वॉरियर बनकर सामने आई हैं। हाल ही में यूनियन मिनिस्टर मनसुख मंडाविया ने अपनी बेटी दिशा मंडाविया के बारे में ट्विटर पर जानकारी शेयर की जो अब कोरोना वॉरियर बन रही हैं। वो नर्सिंग इंटर्न हैं और इस मुसीबत की घड़ी में वो लोगों की मदद करने के लिए आगे आई हैं। दिशा की तरह ही और कई महिलाएं हैं जिन्होंने अपना काम बखूबी किया है और फ्रंटलाइन वर्कर्स के तौर पर सामने आई हैं। आज हम उन्हीं कोरोना वॉरियर्स को एक ट्रिब्यूट दे रहे हैं। <blockquote class="twitter-tweet"> <p lang="en" dir="ltr">My Daughter, My Pride!<br /><br />Disha, I have waited so long to see you in this role. I am filled with pride that you are rendering your duty as an Intern in this critical time. The nation needs your service and I'm sure you will prove yourself. <br /><br />More power to you my warrior! <a href="https://t.co/Kjm4MtKyaT">pic.twitter.com/Kjm4MtKyaT</a> — Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) <a href="https://twitter.com/mansukhmandviya/status/1386609936122089473?ref_src=twsrc%5Etfw">April 26, 2021</a></blockquote> <script charset="utf-8" type="text/javascript" src="https://platform.twitter.com/widgets.js"></script>


काम- आईपीएस (कमिश्नर ऑफ पुलिस अमरावती)
पिछले साल नेशनल कमीशन ऑफ वुमन (NCW) ने जिन दो महिलाओं को ‘Covid Women Warrior: The Real Heroes’ का अवॉर्ड दिया था उनमें से एक आरती सिंह थीं। आरती ने पैंडेमिक के दौरान फ्रंटलाइन में काम कर लॉकडाउन का सही तरह से पालन करने में मदद की थी।

काम- महिलाओं का संगठन जो अलग-अलग तरह की चीज़ें प्रोड्यूस करता है
मिशन शक्ति कई महिलाओं को काम देता है और ओड़ीसा का ये संगठन कोरोना के दौर से ही मास्क बनाने का काम कर रहा है। करीब 600 लोगों ने मिलकर 15 लाख कॉटन मास्क तैयार करवाए हैं और ये फ्रंटलाइन वर्कर्स के तौर पर काम कर उन्होंने ये सुनिश्चित किया कि मास्क की किल्लत को खत्म किया जा सके।
इन महिलाओं के जज्बे को सलाम। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

काम- SP औरंगाबाद रुरल पुलिस
‘Covid Women Warrior: The Real Heroes’ अवॉर्ड पाने वाली दूसरी महिला पुलिस कर्मी थीं औरंगाबाद की एसपी मोक्षदा पाटिल। उन्होंने ड्राई राशन किट्स जरूरत मंदों तक पहुंचवाने के लिए नई पुलिस टीम्स बनाईं। माइग्रेंट वर्कर्स और उनके बच्चों को जरूरत का सामान पहुंचाया यहां तक कि महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन्स की व्यवस्था भी सरकारी कैम्प्स में करके दी।

काम- मुंबई में सीनियर मेडिकल ऑफिसर
मुंबई में मीरा रोड स्थित वॉकहार्डटी हॉस्पिटल में सीनियर मेडिकल ऑफिसर के तौर पर काम करने वाली डॉक्टर हेजेल अब 1 साल से ज्यादा से कोविड वॉरियर के तौर पर कार्यरत हैं और वो शायद उन मरीज़ों की संख्या भी भूल चुकी हैं जिनकी मदद उन्होंने की है। एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में हेजेल ने बताया कि वो वायरस की कैरियर न बन जाएं इसलिए उन्होंने अस्पताल के पास ही एक फ्लैट भी किराए पर लेने की सोची थी, लेकिन डॉक्टर का नाम सुनकर ही उस वक्त लोगों ने उन्हें किराए पर घर देना मना कर दिया था। इसके बाद अस्पताल के हस्तक्षेप के साथ ही उन्हें घर मिला। पिछले एक साथ में अकेलापन, इन्सॉम्निया, एंग्जाइटी आदि कई समस्याओं को उन्होंने झेला है।

काम- एक्ट्रेस, नर्स
2020 में जैसे ही कोरोना की त्रासदी सामने आई थी वैसे ही शिखा ने अपनी ग्लैमरस लाइफ छोड़कर नर्सिंग की ओर वापस से रुख कर लिया था। वो खुद कोविड से ग्रसित हो गईं और उन्हें कोविड के आफ्टर इफेक्ट्स के कारण स्ट्रोक भी आ गया और आधी बॉडी पैरलाइज्ड हो गई। पर इससे शिखा मल्होत्रा के जज्बे को कोई तोड़ नहीं पाया। वो अभी भी उसी अंदाज़ में लोगों की मदद करने के लिए तत्पर हैं। अब वो अपनी हेल्थ सुधारने में लगी हैं और वो कहती हैं कि वो वापस इसी तरह से काम करेंगी।

काम- डॉक्टर
कोरोना वायरस पैंडेमिक जब शुरू हुआ था तब हर फील्ड के डॉक्टर्स को सामने लाया गया था ताकि कोविड की इस समस्या का सामना किया जा सके। इसी दौरान, डॉक्टर रिचा नेगी का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वो 'गर्मी' गाने पर पीपीई किट पहन कर डांस कर रही थीं। रिचा के अनुसार उन्होंने ये फ्रंटलाइन वर्कर्स को ट्रिब्यूट देने के लिए किया था। इस आउटफिट में गर्मी लगती है, लेकिन ये डॉक्टर्स की शान भी है।

काम- साइंटिस्ट
Indian Council of Medical Research (ICMR) की लीड साइंटिस्ट डॉक्टर निवेदिता गुप्ता ने कोरोना टेस्टिंग के लिए बहुत काम किया है और उन्होंने देश के कई कोनों में अपनी टीम के साथ मिलकर नई लैब्स अरेंज करवाई हैं। एक दिन में 20-20 घंटों के काम और मेहनत के साथ उन्होंने कोविड टेस्टिंग को और ज्यादा मजबूत बनाने में मदद की है।

काम- डीएसपी
छत्तीसगढ़ दांतेवाड़ा में नक्सली इलाके में पोस्टेड शिल्पा साहू ने 5 महीने प्रेग्नेंट होने के बाद भी तपती धूप में शिल्पा साहू लॉकडाउन लगवाने के लिए डंडा लेकर ड्यूटी करती दिखती हैं। शिल्पा अपनी ड्यूटी को लेकर बहुत सजग हैं और वो अपने काम के प्रति इस हालत में भी कोई लापरवाही नहीं बरतती हैं।

काम- हाउसवाइफ
कई महिलाएं अपनी जी जान लगा देती हैं दूसरों की मदद करने में और कृष्णा ने भी यही किया। मध्य प्रदेश के सतना जिले के गांव कैलहोरा में रहने वाली कृष्णा ने लॉकडाउन के वक्त अपने आस-पड़ोस में रहने वाले भूखे लोगों को अपने किचन गार्ड और खेती की उपज से खाना खिलाया है। कृष्णा ने जी-तोड़ मेहनत की और ये ध्यान रखा कि उनके आस-पास कोई भूखा न रह जाए।

काम- चीफ नर्सिंग ऑफिसर
मुंबई के ग्लोबल अस्पताल में चीफ नर्सिंग ऑफिसर के पद पर काम करने वाली जेसिका डिसूजा मार्च 2020 से ही कोरोना से लड़ने में लगी हैं। वो खुद सितंबर 2020 में अपने परिवार सहित कोविड पॉजिटिव हो गई थीं, लेकिन घर के काम और कोविड से लड़ाई को खत्म करने के बाद उन्होंने दोबारा अपनी ड्यूटी ज्वॉइन की और अब फिर से उसी तरह लोगों की मदद करने में जुट गई हैं।