जब हमलोग छोटे थे तब हमें बस पता था कि “वो सड़क किनारे वाले अंकल अच्छे से नहीं छूते।“ ये भी हमें हमारे मम्मी-पापा ने नहीं बताया था। पता तो हमें एक-दूसरे से बाते करने के दौरान चला था। इसका मतलब है कि तब तक हमलोगों में से कोई एक बच्चा अंकल का शिकार बन चुका था। खैर... उसके बाद हमलोग उस अंकल से दूर रहने लगे... फिर हमारी स्कूलिंग पूरी हो गई और अब सब अलग-अलग जगह जॉब करते हैं। लेकिन आज भी जब सारे दोस्त साथ में मिलते हैं तो एक बार उस अंकल की बात जरूर छिड़ जाती है। और फिर सोचते हैं कैसे होते हैं कई लोग कि बच्चों को भी नहीं छोड़ते। वो तो अच्छा है कि आजकल के पैरेंट्स शुरू से ही बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में बताने लगे हैं और रिश्तेदारों से भी सतर्क रहते हैं। लेकिन फिर भी अगर बच्चे को समझ ना आए तो इन्हें नीचे दिए गए images दिखाएं और समझाएं कि कैसे छूना गुड टच है और किस तरह का टच बैड टच है, जिसके बारे में घर में बताना जरूरी है।
हाथ कई तरह से मिलाए जाते हैं। लेकिन जिस तरीके में आप uncomfertable feel करे तो बच्चे से कहें कि वो ये बात घर पर मम्मी-पापा को जरूर बताए। इससे पहले की हाथ से बात बढ़ते हुए कहीं और पहुंच जाए।
आते-जाते कई लोग बच्चों के गाल को टच कर जाते हैं। कोई अच्छे तरीके से करता है तो कोई बुरे। बुरे टच के बारे में सतर्क रहें।
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कंधे में हाथ रखने के भी कई तरीके होते हैं। लेकिन कोई कंधे में हाथ रखकर ज्यादा ही पुचकारता है तो बच्चे को शिकायत करने के लिए कहें।
ऐसा लड़कियों के साथ ज्यादातर बस या पब्लिक प्लेस में होता है। अगर पीठ पर हाथ रखने के बहाने ज्यादा देर तक छूते रहता है तो तुरंत टोकने के लिए बोलें।
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ज्यादा कोई चिपक कर बैठता है या ज्यादा कोई अपको गोद में ही बिठाता है तो उस शख्स के पास अपने बच्चे को जाने से मना कर दें।