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किस्मत से मिली पहली फिल्म से लेकर दिलीप कुमार के 5 अफेयर तक, 15 तस्वीरों के जरिए जानें उनकी कहानी

ट्रेजडी किंग यानी दिलीप कुमार अब हमारे बीच नहीं रहे। हिंदी सिनेमा का एक पूरा दौर और 60 दशकों तक हिंदी सिनेमा के लेजेंड माने जाने वाले दिलीप कुमार का 7 जुलाई 2021 को 98 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके पीछे रह गईं उनकी पत्नी सायरा बानो और उनके किस्से, कहानियां, फिल्में और वो विरासत जो शायद ही किसी एक्टर के साथ रही हो। दिलीप कुमार साहब का मोहम्मद युसुफ खान से ट्रेजडी किंग बनने का सफर भी बहुत लाजवाब था।&nbsp; दिलीप कुमार साहब के इसी सफर को याद करने के लिए आज हम इस स्टोरी में उनकी कुछ तस्वीरों के साथ याद करेंगे उस बीते हुए दौर को जिसने दिलीप कुमार को ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया।&nbsp; <div>&nbsp;</div>

Shruti Dixit

Editorial

Updated:- 07 Jul 2021, 13:07 IST

1. किस्मत से मिली थी पहली फिल्म-

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दिलीप कुमार असल में एक्टर बनने के बारे में सोचते ही नहीं थे। उनके पिता पेशावर में फलों के व्यापारी थे और दिलीप साहब को उन्होंने कैंटीन में लगवा दिया था। उनके पिता का कहना था कि अगर गुजारा करना है तो सभी को काम करना होगा। दिलीप कुमार कैंटीन चलाते थे और कुछ अदाएं भी दिखाते थे। इसी के साथ, वो पैसे कमाने के नए काम भी खोजते थे। काम के ही सिलसिले में दिलीप कुमार उन दिनों नैनीताल गए और इसी समय देविका रानी और उनके पति हिमांशू राय की नजर दिलीप कुमार की अदाओं पर पड़ी और देविका रानी की वजह से उन्हें उनका पहला ब्रेक मिला। उनकी डेब्यू फिल्म थी 1944 में में बनी 'ज्वार भाटा, हालांकि इस फिल्म का निगेटिव या कॉपी कुछ भी अब मौजूद नहीं है। 

दिलीप कुमार का तीसरा अफेयर-

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दिलीप कुमार के कामिनी कौशल और मधुबाला के अफेयर के बारे में तो हम आपको बता चुके हैं, लेकिन दिलीप कुमार का रिश्ता तीन और एक्ट्रेसेस के साथ रहा है। दिलीप कुमार की जिंदगी से मधुबाला के जाने के बाद वैजयंती माला ने एंट्री ली थी। दोनों ने 6 फिल्में साथ की थीं और उनके लिंकअप की खबरें बहुत आम थीं। वैसे तो दोनों ने कभी अपने रिश्ते को स्वीकार नहीं किया, लेकिन दोनों को एक साथ बहुत बार देखा गया था। फिल्म इतिहासकार बनी रुबीन और संजीत नारवरकर ने इनके अफेयर की खबरों को पूरी तरह से सही ठहराया था। ऐसा भी कहा जाता है कि फिल्म 'गंगा जमुना' में वैजयंती माला द्वारा पहनी गई साड़ियों के शेड भी दिलीप कुमार ने खुद चुने थे। पर ये रिश्ता वक्त के साथ-साथ फीका पड़ गया और वैजयंती माला ने चेन्नई के डॉक्टर चमनलाल बाली से शादी कर ली। 

 

दिलीप कुमार की जिंदगी की साथी और उनका चौथा अफेयर-

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दिलीप कुमार की जिंदगी में इसके बाद आईं सायरा बानो जो उनकी जीवन संगिनी बनीं और अंतिम समय तक उनके साथ रहीं। दिलीप कुमार ने अपनी किताब में लिखा है कि सायरा उनके जीवन में ठहराव लाई हैं। सायरा को उन दिनों की ब्यूटी क्वीन कहा जाता था और वो दिलीप कुमार से 1966 में सायरा ने शादी की और सायरा उस वक्त दिलीप कुमार से 22 साल छोटी थीं। सायरा ने दिलीप कुमार से शादी के लिए सबको मना लिया था और वो दिलीप कुमार की इतनी बड़ी फैन थीं कि वो कुछ भी कर उनकी साथी बनना चाहती थीं। 

दिलीप कुमार का पांचवा अफेयर और दूसरी शादी-

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दिलीप कुमार ने 1980 में अपनी दूसरी पत्नी के तौर पर हैदराबाद की सोशलाइट असमा को अपनाया था। दिलीप कुमार उस वक्त भी सायरा बानो के पति थे, लेकिन वो खुद को असमा से शादी करने से नहीं रोक पाए थे। सायरा उन दिनों खुश नहीं थीं पर वो दिलीप कुमार के इस रिश्ते को रोक नहीं पाईं। ये शादी 2 साल तक चली, लेकिन बाद में दिलीप कुमार को पता चला कि असमा उनसे चीटिंग कर रही हैं और उनके कुछ राज़ मीडिया को बता रही थीं।

इसके बाद उन्होंने असमा से तलाक ले लिया और सायरा बानो के पास वापस चले गए। 

दिल टूटने की वजह से बने थे ट्रेजडी किंग-

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दिलीप कुमार अपना दिल कामिनी कौशल और मधुबाला को दे बैठे थे, लेकिन इन दोनों से ही रिश्ता मुकम्मल न हो पाने के कारण दिलीप कुमार ने अपनी फिल्मों की तरफ रुख किया और उस दौर में अपनी फिल्मों से ही दिल का हाल बयां किया। दिलीप कुमार मधुबाला से इतना प्यार करते थे कि जब मधुबाला का देहांत हुआ तो दिलीप कुमार डिप्रेशन में चले गए थे। दिलीप कुमार अपनी फिल्मों में एक टूटे हुए आशिक की भूमिका निभाते थे और उनकी फिल्मों की वजह से ही वो ट्रेजडी किंग कहे जाने लगे। 

दिलीप कुमार जा चुके थे जेल-

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बहुत कम लोग जानते हैं कि दिलीप कुमार असल में जेल भी गए थे। दरअसल, 'Dilip Kumar: The Substance and Shadow' किताब में दिलीप कुमार के इस किस्से के बारे में भी बताया गया है। पूना (आजादी के पहले अब पुणे) में एयरफोर्स कैंटोनमेंट कैंटीन में काम करते समय एक सीनियर के कहने पर दिलीप कुमार ने एक स्पीच दी थी। जिसमें उन्होंने कर्मठ, आजाद और अहिंसा का पाठ पढ़ाया था। इस स्पीच में उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ कुछ शब्द कहे थे और स्पीच खत्म होते-होते तालियों के बीच उन्हें पुलिस वालों ने गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें येरवडा जेल ले जाया गया था और जेलर ने उन्हें 'गांधीवाला' नाम दिया था। 

गिनीज बुक में दर्ज है नाम-

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गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दिलीप कुमार का नाम दर्ज है क्योंकि वो इकलौते ऐसे भारतीय एक्टर हैं जिन्हें सबसे ज्यादा अवार्ड्स मिले हैं। उन्हें 19 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट किया गया है जिसमें से 8 बार उन्होंने ये अवॉर्ड जीता है। इसके बाद उन्हें 1 लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला है। 

भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण और पद्म भूषण दोनों अवार्ड्स से सम्मानित किया था। 1994 में उन्हें दादा साहिब फाल्के अवार्ड मिला है। उन्हें शेरिफ ऑफ मुंबई अवॉर्ड भी दिया गया है। 1997 में उन्हें एनटीआर नेशनल अवॉर्ड दिया गया था। पाकिस्तान सरकार ने उन्हें 'निशान-ए-इम्तियाज़' अवॉर्ड दिया है। उन्हें CNN-IBN लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड भी दिया गया है।  

दिलीप कुमार अब इस दुनिया से चले गए हैं, लेकिन वो अपनी यादें जरूर छोड़ गए हैं। 

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ऐसे युसुफ खान से बने दिलीप कुमार-

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पाकिस्तान (तब हिंदुस्तान) का एक जवां पठान मोहम्मद युसुफ खान जब मुंबई के 'बॉम्बे टॉकीज' स्टूडियो में घूम रहा था तब उसे अंदाज़ा भी नहीं था कि एक नाम उसकी जिंदगी बदल देगा। देविका रानी जिन्होंने उन्हें ब्रेक दिया था उन्होंने ही एक स्टेज नेम की बात की। युसुफ खान से उस वक्त उन्हें दिलीप कुमार नाम मिला। यहीं से शुरू हुई फिल्म 'ज्वार भाटा' की शूटिंग जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। 

12 भाई-बहनों के बीच 36 रुपए थी पहली सैलरी-

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जहां एक ओर दिलीप कुमार की पहली नौकरी आर्मी क्लब में सैंडविच स्टॉल पर लगी थी तब उनकी सैलरी 36 रुपए थी, वहीं दिलीप कुमार ने अपनी जिंदगी में फिल्मों से ही 600 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी बना ली थी। 1950 आते-आते दिलीप कुमार ने 1 लाख रुपए फीस के तौर पर लेना शुरू कर दिया था। दिलीप कुमार के परिवार में उनके माता-पिता के अलावा 12 भाई-बहन थे और इसलिए काफी कम उम्र से ही उन्होंने काम करना शुरू कर दिया था। 

 

दिलीप कुमार की पहली फिल्म में उन्हें मिले थे इतने रुपए-

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एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिलीप कुमार को उन दिनों काम करने के लिए बहुत भारी रकम दी गई थी। उन दिनों दिलीप को 1000 रुपए मासिक वेतन और 200 रुपए का भत्ता दिया जाता था। ये रकम 1944 के हिसाब से बहुत ज्यादा थी और दिलीप कुमार का स्टार बनने का सफर इसी सैलरी से शुरू हुआ था। हालांकि, मैं आपको बता दूं कि उनकी पहली फिल्म 'ज्वार भाटा' भी हिट नहीं थी और इस फिल्म में वो सेकंड लीड थे। 

3 साल तक रहे फ्लॉप एक्टर-

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दिलीप कुमार को हमेशा हिंदी सिनेमा का लेजेंड माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि डेब्यू करने से लेकर अगले तीन सालों तक दिलीप कुमार की हर फिल्म फ्लॉप हुई थी। जी हां, पूरे 3 साल तक दिलीप कुमार ने फ्लॉप एक्टर का ताना झेला और फिर हुई उनकी नई शुरुआत। ये शुरुआत थी फिल्म 'जुगनू' से जो 1947 में भारत को आजादी मिलने वाले साल में रिलीज हुई थी।

फिल्म 'जुगनू' को कहा गया था वल्गर-

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एक्ट्रेस नूरजहां के साथ दिलीप कुमार की ये फिल्म कुछ समय के लिए भारत में बैन भी हो गई थी क्योंकि उसे वल्गर और छिछोरी फिल्म कहा गया था। जी हां, आपको शायद ये जानकर आश्चर्य होगा कि उस समय के जाने-माने फिल्म क्रिटिक बाबूराव पटेल ने इस फिल्म की बहुत बुराई की थी और इसे वल्गर कहा था। तभी इसे बैन भी किया गया था, लेकिन कुछ दिनों बाद इसपर से बैन हटा और फिर ये फिल्म सुपर-डुपर हिट साबित हुई।