कहानी में अब तक- शिवानी गड्ढे में गिरी थी ये बात कोई जानता था, ये किसी की साजिश थी जिसमें शिवानी फंस चुकी थी, लेकिन कोई तो था जो सभी के स्कूल से जाने के बाद देखने आया था, आखिर कौन था जिसे गड्ढे के बारे में पता था और जिसने जानबूझकर शिवानी को वहां बंधक बना लिया था, अब आगे...
शिवानी बेहोशी का नाटक कर रही थी और किसी ने उसके चेहरे पर लाइट मारी, शिवानी डर के कारण जगाना नहीं चाहती थी तभी टॉर्च मारने वाला शक्श सिटी बजाने लगा और उसके पास आया। उसने शिवानी को पैर से हिलाने की कोशिश की लेकिन शिवानी उठी नहीं, उसने शिवानी के सिर से खून बहता हुआ देखा, उसे लगा कि कहीं शिवानी मर तो नहीं गई, उसने फौरन शिवानी के नाक के पास अपना हाथ रखा और चेक किया। शिवानी की सांसे चल रही थी। ये चेक करने के बाद वो जोर जोर से हंसने लगा। ओ मेरी प्यारी शिवानी, तुमने तो मुझे डरा ही दिया था, मतलब तुम सिर्फ बेहोश हो..सॉरी मेरी वजह से तुम्हे इतना सहना पड़ रहा है, लेकिन मैं क्या करता तुमने ही मुझे ये सब करने के लिए मजबूर किया है। ये आवाज़ मैथ टीचर की थी, शिवानी मैथ टीचर की आवाज सुनकर हैरान हो गई थी। इसका मतलब था कि ये मैथ टीचर ही है, जिसने उसे गड्ढे में धकेला है। शिवानी मन ही मन सोच रही थी कि आखिर अब टीचर उसके साथ क्या करने वाले हैं। तभी बाहर से गार्ड की आवाज...
स्कूल में कौन है, कोई है क्या यहां। प्रिंसिपल ने सभी को घर जाने को कहा था, फिर भी अभी तक कौन रुका है यहां। शिवानी तेज तेज चिल्लाना चाहती थी, लेकिन मैथ टीचर उसके साइड में ही बैठे थे। इस डर शिवानी को बेहोशी का नाटक करना ही ठीक लगा। गार्ड की आवाज सुनकर मैथ टीचर भी डर के मारे पागल हो गए थे। वह फौरन गड्ढे का दरवाजा बंद करके बाहर आ गए और साइड में बने क्लास में भाग कर चले गए। जब गार्ड उस तरफ आया तो वो क्लास से निकलने का नाटक करने लगे। मैथ टीचर को देख कर गार्ड ने कहा, अरे सर आप तो चले गए थे न फिर यहां कैसे। मैथ टीचर ने कहा कि वह शिवानी के गुम होने की वजह से परेशान है,उन्हें नींद नहीं आ रही थी और हॉस्टल भी पास में ही है, तो मैने सोचा क्यों न मै एक बार फिर से स्कूल में शिवानी को ढूंढू। मैथ टीचर को परेशान होता देख गार्ड ने उनके कंधे पर हाथ रखते हुए सांत्वना दी और कहा, सर आपको आराम करना चाहिए, आप बहुत थक गए हैं, शिवानी जल्दी ही मिल जाएगी।
ये बोलते हुए गार्ड और मैथ टीचर दोनों ही स्कूल से बाहर निकल आए। शिवानी, मैथ टीचर के जाने के बाद चैन की सांस ले रही थी, लेकिन उसे पता था कि मैथ टीचर फिर से मौका देख कर उसके पास आने वाले है। उसने फौरन उठकर दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन दरवाजा बाहर से बंद था। दरवाजे की पीछे एक अलमारी थी, जिसकी वजह से लोगों को इस दरवाजे के बारे में किसी को नहीं पता था। उसने गड्ढे में पड़े सभी फोन को चेक किया, लेकिन कोई भी फोन ऑन नहीं हो रहा था। फोन देखकर शिवानी को समझ आ गया था कि इस गड्ढे में गिरने वाली वो पहली नहीं थी, इसके पहले भी कई लड़कियों को मैथ टीचर ने शिकार बनाया है। एक बार स्कूल में उसे सुनने को मिला था कि फेयरवेल पर पिछले साल एक लड़की गायब हो गई थी। लेकिन कई लोगों ने इसे बस अफवाह बताई, क्योंकि उस लड़की को खोजने के लिए उसका परिवार नहीं आया था। आखिर मैथ टीचर ने उन लड़कियों के साथ क्या किया था, इस बात को सोच सोचकर शिवानी परेशान हो रही थी।
उसे बात सुबह होने का इंतजार हो रहा था कि जब बच्चे स्कूल में आयेंगे तो वो तेज तेज दरवाजे को पीटना शुरू कर देगी।। शायद ऐसा करने से किसी को उसकी आवाज सुनाई दे। वहीं दूसरी तरफ स्नेहा और राघव अभी भी शिवानी को लेकर परेशान हो रहे थे। राघव ने शिवानी को हॉस्टल से बाहर मिलने को कहा, स्नेहा भी फौरन छिपकर हॉस्टल से बाहर आ गई थी। स्नेहा ने राघव से कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि शिवानी स्कूल में ही है। शिवानी के साथ कुछ तो बुरा हुआ है। कोई तो था जो शिवानी को पहले ही फंसाना चाहता था। लेकिन शिवानी अपने साथ मुझे लेकर चली गई, इसलिए उसका प्लान कामयाब नहीं हो पाया। राघव ने स्नेहा से कहा कि फेयरवेल में सुबह से क्या क्या हुआ शिवानी के साथ, सब मुझे डिटेल में बताओ।
स्नेहा ने कहा कि शिवानी रैंप वॉक के बाद बहुत खुश थी, उसे एक नंबर से मैसेज आया, उसे लगा कि ये मैसेज तुमने किया है, मैसेज में उसे छत से नीचे के क्लास रूम में बुलाया गया था, लेकिन शिवानी अकेले नहीं जाना चाहती थी, इसलिए वो मुझे साथ लेकर गई। इसके बाद जैसे ही हम क्लास रूम के बाहर पहुंचे तो वहां से किसी लड़की के रोने की आवाज सुनाई दे रही थी। हमने डर से फौरन क्लास का दरवाजा खोला, लेकिन वहां कोई नहीं था, हमने क्लास में फोन भी खोजने की बहुत कोशिश की थी, लेकिन हमें फोन भी नहीं मिला। हम फोन ढूंढ ही थे थे, तभी वहां मैथ टीचर आ गए थे। उन्होंने हमें वहां से भगा दिया, और हम फोन ढूंढे बिना वहां से निकल आए।
इसके बाद शिवानी और मैं तुमसे बहुत ज्यादा नाराज थे, कि तुमने हमें फंसाया। उसके बाद शिवानी स्टेज के सामने बैठी थी नाराज होकर लेकिन वहां से कहां गई पता ही नहीं चला। स्नेहा की बात को काटते हुए राघव ने कहा, एक मिनट मैथ टीचर को कैसे पता था कि तुम लोग वहां हो, जब मैने शिवानी को मिलने के लिए नहीं बुलाया, तो इसका मतलब ये है कि मैने मैथ टीचर को भी नहीं भेजा था।
राघव की बात सुनकर स्नेहा ने कहा, अरे जिसने हमें फंसाने की कोशिश की थी, क्या पता किसी बहाने से उसने मैथ टीचर को भी भेज दिया हो। राघव को भी स्नेहा की बात में दम लगा, और वो सोचने लगा कि हां ऐसा हो सकता है। तभी राघव ने फिर का कहा, तुम्हें वहां फोन नहीं मिला था न, इसका मतलब कि वहां हमें कुछ सुराग मिल सकता है।स्नेहा और राघव दोनों छिपकर स्कूल की तरफ जाने लगे, तभी उन्होंने मैथ टीचर और गार्ड को एक साथ देखा। दोनों को साथ देखकर राघव का शक और भी ज्यादा बढ़ गया था। उसने स्नेहा से कहा कि जब सबको प्रिंसिपल ने स्कूल से जाने के लिए कह दिया था, तो मैथ टीचर यहां क्या कर रहे हैं। मुझे शक है कि शिवानी के बारे में ये पक्का कुछ जानते होंगे। तभी मैथ टीचर की नजर सड़क पर गई, स्नेहा और राघव एक पेड़ के पीछे छिप गए। मैथ टीचर को लगा कि कोई तो है जो उन्हें देख रहा है, लेकिन उन्हें स्नेहा और राघव नजर नहीं आए।
मैथ टीचर ने गार्ड को बाय किया और वो हॉस्टल की तरफ जाने लगे। जब स्नेहा और राघव ने उन्हें जाता देखा, तो वो भी छिपकर स्कूल की दीवार से कूदकर अंदर आ गए।अंदर आने के बाद सबसे पहले वो छत से नीचे बनी क्लास रूम की तरफ गए, ये वही क्लास थी जहां स्नेहा और शिवानी राघव को समझ कर मिलने गई थी, लेकिन वहां उन्हें मैथ टीचर ने पकड़ लिया था।
दोनों क्लास में छिपा हुआ फोन खोजने लगे, उन्हें उम्मीद थी कि यहां उन्हें कुछ न कुछ जरूर मिलेगा, दोनों आपस में बात कर रहे थे, तभी शिवानी को गड्ढे के अंदर से राघव की आवाज सुनाई दी। उसे समझ आ गया कि वह उसे खोजने आया है। दोनों क्लास में हर टेबल के नीचे फोन ढूंढ रहे थे, तभी उन्हें एक चेयर के नीचे टेप से चिपकाया हुआ फोन मिला।
उन्होंने उसमें लास्ट ऑडियो प्ले किया तो यह वही रोने की आवाज थी, जो उन्होंने सुबह सुनी थी, इसे सुनते ही स्नेहा ने कहा,...हां हां ये वही आवाज है, इसी फोन से किसी ने रोने की आवाज बजाई थी। उन्होंने फोन चेक किया, लेकिन फोन में उन्हें कुछ नहीं मिला। लेकिन फोन में शिवानी की बहुत सारी तस्वीरें थी, ये सभी तस्वीरें फेयरवेल वाले दिन की थी। ये देखकर स्नेहा और राघव को कन्फर्म हो गया कि शिवानी को जिसने भी गायब किया है वो स्कूल में से ही कोई है। राघव और स्नेहा की आवाज सुनकर, शिवानी तेज तेज गड्ढे के अंदर से दरवाजा पीटने लगी थी, लेकिन राघव और स्नेहा को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। तभी राघव को कुछ आवाज आई, उसने स्नेहा को चुप रहने के लिए कहा..एक बार फिर राघव को कुछ गूंजने की आवाज सुनाई दे रही थी, उसने स्नेहा से कहा, क्या तुम्हें कुछ सुनाई दे रहा है, राघव के पूछने पर स्नेहा ने भी ध्यान से सुनने की कोशिश कि उसे भी कुछ सुनाई दिया। राघव ने चिल्लाया, रुको रुको राघव के रुको बोलने पर शिवानी चुप हो गई, ...इसके बाद राघव ने कहा, शिवानी क्या ये तुम हो, राघव की बात सुनकर शिवानी ने फिर से दरवाजा पीटना शुरू किया। राघव और स्नेहा को कन्फर्म हो गया कि शिवानी यहीं कहीं है। शिवानी को भी अब खुशी हो रही थी कि राघव और स्नेहा को पता चल गया है कि वो यहां है।
दोनों मिलकर शिवानी को खोजने लगे। वह दीवार का हर कोना चेक कर रहे थे कि कहीं तो उन्हें कोई दरवाजा मिल जाएगा। तभी दोनों को किसी के चलने की आवाज आई। किसी के आने की आवाज सुनकर स्नेहा और राघव कमरे में ही टेबल के पीछे छिप गए।
क्या शिवानी की तरह राघव और स्नेहा भी मैथ टीचर के जाल में फंस गए थे, जानने के लिए पढ़ें लास्ट एपिसोड...
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