बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक्टर और एक्ट्रेस तो हमेशा ही चर्चा में रहते हैं मगर बीते कुछ समय से डायरेक्टर प्रोड्यूसर संजय लीला भंसाली कुछ ज्यादा ही लाइमलइट में हैं। इसकी वजह है उनकी फिल्म पद्मावत, जो काफी विवादों में फंस कर भी आज बॉक्स ऑफिस में अच्छा बिजनेस कर रही है। वैसी संजय की यही फिल्म नही बल्कि हर फिल्म किसी न किसी वजह से खास बन जाती है। किसी का सबजेक्ट विवादित होता है तो किसी स्टोरी रोचक। मगर एक बात जो सभी फिल्मों में सामान्य होती है वो है भंसाली की फिल्मों में महिलाओं की भूमिका। संजय अपनी फिल्म में महिलाओं को जितना स्पेस देते हैं उतना स्पेस शायद ही डायरेक्टर देता होगा। आइए आज भंसाली के जन्मदिन पर जानते हैं कि कौन कौन सी फिल्म में महिलाओं की भूमिकाओं को स्ट्रॉन्ग दिखाया गया है।
भंसाली ने अपनी कई फिल्मों में एक्टर की जगह एक्ट्रेस को महत्व दिया है। इसमें सबसे पहले नाम आता है 1996 में आई फिल्म खामोशी : द म्यूजिकल स्टोरी का। भंसाली ने इस फिल्म में एक ऐसी महिला की कहानी दिखाई थी जिसके मां बाप गूंगे और बहरे हैं। इस कैरेक्टर के लिए उन्होंने मनीषा कोयराला को चुना था। यह भंसाली के निर्देशन में बनी पहली फिल्म थी। इस के लिए भंसाल को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का फिल्मफेयर क्रिटिक अवॉर्ड समेत कई अन्य अवॉर्ड मिले थे। इसके बाद साल 1999 में आई हम दिल दे चुके सनम ने दर्शको के बीच हंगामा ही मचा दिया था। इस फिल्म ने भंसाली को बॉलीवुड में बतौर निर्देशक स्थापित कर दिया। इस फिल्म में उन्होंने एक ऐसी महिला की कहानी दिखाई थी जो प्यार किसी से करती है मगर उसकी शादी किसी और से हो जाती है। भंसाली जल्दी ही इस फिल्म का सीक्वेल बनाने जा रहे हैं। साल 2002 में भंसाली की देवदास आई और सभी के दिलो में छा गई। इस फिल्म में एक बार फिर भंसाली बेहद खूबसूरती से पारो और चंद्रमुखी के पात्रों की कहानी रची थी और इस बार ऐश्वर्या के साथ माधुरी भी उनकी फिल्म में थीं।साल 2005 में आई फिल्म ब्लैक में एक अंधी, गूंगी ओर बहरी लड़की के चरित्र को दिखा कर भंसाली ने बॉलीवुड में अपनी जगह को और भी मजबूत कर लिया।
इसके बाद उनके करियर में थोड़ी सी गिरावट भी दर्ज की गई, जब उनकी लगातार दो फिल्में बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुँह गिर पड़ी थी। साल 2007 में आई सांवरिया और साल 2010 में आई गुजारिश से इन्हें निराशा हाथ लगी, हालांकि गुजारिश को क्रिटिक्स के द्वारा काफी सराहा गया था।
इन दो फिल्मों की असफलता के बाद भंसाली ने साल 2013 में एक बार फिर अपने अंदाज में गोलियों की रासलीला राम-लीला के जरिए वापसी करते हुए धूम मचा दी। रणवीर-दीपिका के साथ सफलता हासिल करने के बाद उन्होंने अपने बहुप्रतीक्षित फिल्म पर काम करते हुए साल 2015 में बाजीराव-मस्तानी पेश की, जो एक बड़ी हिट साबित हुई।भंसाली की हर फिल्म दर्शकों के दिमाग पर एक छाप छोड़ देती है, यह सिलसिला पद्मावत के साथ भी जारी है।