जब किसी सास से पूछा जाता है कि उन्हें अपनी बहु में कैसे गुण चाहिए तो सभी की जुबान पर एक ही नाम आता है कि उन्हें ' क्योंकि सास भी कभी बहु थी' सीरियल की तुलसी वीरानी जैसी बहु चाहिए। और जब बात तुलसी वीरानी की होती हैं तो स्मृति ईरानी का चहरा जहन में खुद ब खुद आ जाता है। जी हां, पहले टीवी चैनल की लोकप्रिय बहु और अब देश की लोकप्रिय नेता स्मृति देश भर की महिलाओं में इतनी पॉप्यूलर हैं कि आज भी घर में बहु की छवि में स्मृति के तुलसी वाले रोल को ही याद किया जाता है। मगर स्मृति को यह लोकप्रियता आसानी से नहीं मिली । इसके लिए उन्हें बहुत स्ट्रगल करना पड़ा।
कब शुरु हुआ संघर्ष
स्मृति दिल्ली के लोअर मिडिल क्लास फैमिली से बिलॉंन्ग करती हैं। उनके पिता जी एक छोटी सी कूरियर कंपनी चलाते थे। तीन बहनों में सबसे बड़ी स्मृति के संघर्ष का दौर तब शुरु हुआ जब 90 के दशक में वह काम की तलाश में दिल्ली से मुंबई आईं। तुलसी ने इंडस्ट्री में बहुत हाथ पैर मारे। 1997 में मिस इंडिया प्रतियोगिता में भी उन्होंने हिस्सा लिया और फाइनल तक पहुंची मगर क्राउन अपने नाम न कर सकीं। इसके बाद उन्होंने ने बहुत कोशिश की उन्हें इंडस्ट्री में कुछ अच्छा काम मिल जाए मगर ऐसा न हुआ। मॉडलिंग में भी उन्हें ज्यादा पैसे नहीं मिलते थे। एक प्रोडक्ट के लिए शूट हुए विज्ञापन में उन्होंने काम किया था मगर इसके लिए केवल 200 रुपए ही दिए गए थे। इतना ही नहीं स्मृति की लाइफ में एक ऐसा वक्त भी आया था जब पैसों के लिए उन्हें मैक्डॉनल्ड में हेल्पिंग स्टाफ का काम करना पड़ा। यहां स्मृति को कभी कभी पोछा तक लगाना पड़ता था। काफी कोशिशों के बाद स्मृति को एक वीडियो में काम मिला यह पंजाबी सिंगर मिका सिंह का एक एल्बम था। इसमें स्मृति को परफॉर्म करना था। मगर इंडस्ट्री में स्ट्रगल करते हुए उन्हें काफी समय बीत गया था तब भी उन्हें कोई अच्छा प्रोजेक्ट नहीं मिल रहा था। स्मृति तय कर चुकीं थी कि वह वापस दिल्ली लौट जाएगीं।
जब एकता कपूर की पड़ी नजर
दिल्ली लौट जाने का विचार स्मृति के मन में आ चुका था मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। स्मृति ने मिका सिंह के जिस वीडियो में काम किया था उस वीडियो पर जब डायरेक्टर प्रोड्यूसर एकता कपूर की नजर पड़ती तो उन्होंने स्मृती का फेस अपने नए सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के लिए बहुत पसंद आया। एकता को एक ही डाउट था कि स्मृति एक्टिंग कर पाएंगी या नहीं। इस लिए स्मृति का ऑडीशन लिया गया, जिसमें स्मृति फेल हो गईं। मगर एक्ता ने तय कर लिया था किए सीरियल में तुलसी वीरानी का कैरेक्टर स्मृति ही निभाएंगी। हुआ भी वैसा ही और 90 के दशक में यह सीरियल देश का सबसे लोकप्रीय सिरयल बना। दर्शकों को स्मृति की एक्टिंग इतनी पसंद आई कि लोग सीरियल का एक भी एपीसोड नहीं छोड़ते थे। उस वक्त महिलाओं को तुलसी जैसी ही बहू चाहिए होती थी। आज भी महिलाएं अपनी बहुओं को तुलसी वीरानी जैसा बनने की नसीहतें देती हैं।
स्मृति की शादी
2001 में स्मृति ने अपने बचपन के दोस्त और खुद से 10 साल उम्र में बड़े जुबिन ईरानी से शादी कर ली। स्मृति जुबिन ईरानी की दूसरी पत्नी थीं। आज स्मृति और जुबिन के दो बच्चे जौहर और जोइश हैं। स्मृति जुबिन की पहली शादी से हुई बेटी शैनेल को भी अपनी ही बेटी के तरह रखती हैं और उसकी पूरी जिम्मेदारी खुद संभालती हैं।
जर्नलिस्ट बनना चाहती थीं बन गईं नेता
बचपन में एक बार स्मृति के माता पिता ने अपनी तीनों बेटियों के भविष्य को जानने के लिए घर पर एक पंडित बुलाया। पंडित ने स्मृति की की बहनों के बारे में तो अच्छा बताया मगर स्मृति के लिए कहा कि वह भविष्य में कुछ नहीं कर पाएंगी। इस बात को सुन कर स्मृति को बुरा लगा और उन्होंने पंडित को चैलेंज किया कि आज से 10 साल बाद उन्हें मिलें। पता चल जाएगा कि वे कुछ कर पाईं या नहीं। वैसे स्मृति बचपन से ही जर्नलिस्ट बनना चाहती थीं मगर हालातों ने उन्हें ऐसा करने नहीं दिया। मगर वर्ष 2003 में स्मृति ने कुछ ऐसा किया कि वह आज तक जर्नलिस्ट्स से घिरी रहती हैं। दरअसल साल 2003 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाली स्मृति ने बहुत कम समय में ही पार्टी में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।
भाषाओं की है अच्छी जानकारी
स्तृति ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं हैं मगर भाषाओं पर उनकी पकड़ बहुत अच्छी है। स्मृति को हिन्दी, अंग्रेजी, बंगाली, गुजराती , बंगाली और मराठी भाषाएं आती हैं। वह रैलियों और चुनाव प्रचार के समय लोगों को कई भाषाओं में संबोधित करने के लिए मशहूर हैं।