शहरीकरण के दौर में जब महिलाएं ऑटो से लेकर ट्रेन तक चला रही हैं... तो फिर बैंड क्या चीज है। अब महिलाएं केवल गाना गाने में आगे नहीं है, बल्कि वो अपना बैंड भी बना रही हैं और इवेंट ऑर्गनाइज़ कर रही हैं।
शादी के अधिकतर मौकों में आपने पुरुषों को ही चमकीले लिबास में ढोल-नगाड़े या बाजे बजाते हुए देखे होंगे। लेकिन अब आप महिलाओं को भी देखेंगी। शहरों में तो महिलाओं के कई बैंड बन रहे हैं... लेकिन अब इसकी शुरुआत गांवों में भी हो चुकी है। गांव में भी महिलाएं अपना म्यूजिकल बैंड बना रही हैं। इस म्यूजिकल बैंड में सभी सदस्य महिलाएं हैं।
नारी गुंजन सरगम बैंड
हम बात कर रहे हैं नारी गुंजन सरगम बैंड की जिसमें सारी सदस्य महिलाएं हैं। यह बैंड ढिबरा में है जो बिहार की राजधानी पटना से सटे दानापुर में स्थित है। एक ग्रामीण बस्ती है ढिबरा। यहां की महादलित महिलाओं ने खुद के पैरों पर खड़े होने के लिए डेढ़ साल तक बैंड बजाना सीखा, रियाज किया और फिर खुद का ‘नारी गुंजन महिला सरगम बैंड’ बनाया।
उड़ाया था लोगों नेमजाक
इस बैंड की शुरुआत में लोगों ने काफी मजाक उड़ाया था। लेकिन सविता देवी ने हार नहीं मानी। सविता देवी ने 10 महिलाओं को इकट्ठा किया और अपनी बैंड पार्टी बनाई। उन्होंने लोगों के उपहास को अपनी ताकत बनाई। जानकारी के अनुसार ये बैंड पूरी तरह से प्रोफेशनल है और इसकी गिनती पूर्वी भारत के सबसे पहले प्रोफेशनल महिला बैंड के तौर पर होती। इस बैंड की खासियत है कि इस बैंड में सभी महिलाएं दलित हैं।
इस बैंड के बारे में विस्तार से जानने के लिए ये वीडियो देखें।
Credits
Producer- Rohit Chavan
Editor- Anand Sarpate