लक्ष्मी अग्रवाल का नाम तो आप जानती ही होंगी। वो एसिड अटैक सर्वाइवर जो औरों के लिए प्रेरणा बनकर आई है। लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी में बहुत कुछ हुआ, लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। इसलिए लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी पर एक फिल्म बन रही है जिसका नाम है 'छपाक'। इस फिल्म में दीपिका पादुकोण हैं जो लक्ष्मी का किरदार निभा रही हैं। फिल्म छपाक का ट्रेलर 10 दिसंबर को रिलीज होने के साथ ही लक्ष्मी की कहानी बड़े पर्दे पर दिखने की तैयारी शुरू है। पर जिस लक्ष्मी की कहानी फिल्म में देखेंगे हम उस लक्ष्मी के बारे में कुछ जान लीजिए।
लगभग 5 साल पहले एक ऐसी लड़की से मिली थी जो अपने सपनों के साथ-साथ दूसरों के सपनों के लिए जी जान से लड़ना जानती थी। आज भी लक्ष्मी अग्रवाल ऐसी ही हैं। हां, मैं उसी लक्ष्मी अग्रवाल की बात कर रही हूं जिसे आज पूरी दुनिया एसिड अटैक सर्वाइवर के नाम से जानती है। जब मैं आज लक्ष्मी अग्रवाल से मिली तो उनमें पहले से कई ज्यादा जुनून दिखा अपने साथ-साथ हजारों एसिड अटैक सर्वाइवर को इसाफ दिलाने की लड़ाई लड़ने का।
लक्ष्मी कई बार उस मंजर को याद करती हैं तो सहम जाती हैं, वो कहती हैं, “दिल्ली के खान मार्केट से गुजर रही थी तभी उन्होंने मुझे गिरा दिया और मेरे चेहरे पर तेजाब फेंक दिया क्योंकि मैंने उससे शादी करने से इंकार कर दिया था। जिस तरह से कोई प्लास्टिक पिघलता है उसी तरह से मेरी चमड़ी पिघल रही थी। मैं सड़क पर चलती हुई गाड़ियों से टकरा रही थी। मुझे अस्पताल ले जाया गया जहां मैं अपने पिता से लिपट कर रोनी लगी। मेरे गले लगने की वजह से मेरे पिता की शर्ट जल गई थी। मुझे तो पता भी नहीं था मेरे साथ क्या हुआ है। डॉक्टर मेरी आंखें सिल रहे थे जबकि मैं होश में ही थी। मैं दो महीने तक हॉस्पिटल में थी। जब घर आकर मैंने अपना चेहरा देखा तो मुझे लगा की मेरी जिंदगी खत्म हो चुकी है।“
लक्ष्मी के सभी सपने धीरे-धीरे पूरे हो रहे हैं। वो अक्सर कहा करती हैं कि उनका चेहरे पर तेजाब फेंका गया लेकिन उनके सपने तेजाब में झुलसे नहीं। आज लोग लक्ष्मी को एसिड अटैक विक्टिम नहीं सर्वाइवर कहते हैं। दीपिका पादुकोण की आने वाली फिल्म ‘छपाक’ की कहानी केवल एक कहानी ही नहीं बल्कि लक्ष्मी अग्रवाल की असल जिंदगी है।
मुस्कुराती कॉंन्फिडेंट लक्ष्मी को देखकर शायद आप उस लक्ष्मी को याद ना कर पाए जिस पर 15 साल की उम्र में एक 40 साल के आदमी ने तेजाब फेंका था क्योंकि लक्ष्मी ने उसके प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। वो चाहता था कि लक्ष्मी का चेहरा बुरी तरह झुलस जाए और साथ ही उनकी किस्मत और सपनें भी लेकिन लक्ष्मी ने अपने सपनों को झुलसने नहीं दिया।
अब लक्ष्मी की जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा उनकी 4 साल की बेटी पीहू है। साल 2005 के उस दिन से लेकर आज तक 2 चीजों ने लक्ष्मी अग्रवाल को पीछे मुड़कर नहीं देखने दिया और वो है लक्ष्मी का किसी भी स्थिति में पॉजिटिव रहना और स्माइल करते रहना।