By Anuradha Gupta06 Feb 2018, 17:00 IST
आधुनिक युग में यदि कोई ऐसी चीज़ है जो बड़े बुजुर्गों से लेकर छोटे बच्चों तक और अमीर आदमी से लेकर गरीब आदमी तक सभी के पास होती है तो वह है मोबाइल। मोबाइल एक ऐसी डिवाइस है जिसे ऑपरेट करना सभी को आता है। यहां तक कि एक साल के बच्चे तक को मोबाइल चलना आता है। जाहिर है बच्चे के जन्म के बाद से ही उसे खाना खिलाने से लेकर सुलाने तक में मदर्स मोबाइल का सहारा लेती हैं। ऐसे में बच्चे मोबाइल के आदि हो जाते हैं। मगर क्या आप जानती हैं, अमेरिकी एकेडमी ऑफ पेड्रियाटिक ने अपनी एक रिसर्च में बताया है कि मोबाइल फोन बच्चों की मानसिक सेहत पर बुरा असर डालता है। इतना ही नहीं मोबाइल फोन की लत आपके बच्चे पर और भी कई बुरे प्रभाव डाल सकती है। इनमें से कुछ के बारे में हम आपको बताते हैं।
लगातार मोबाइल स्क्रीन पर रहने से बच्चों की आँखों की नसें कमजोर हो जाती हैं। इस वजह आँखें बंद करने पर उनमें जलन होती है, जिससे नींद नहीं आती है। इसके अतिरिक्त एक बार मोबाइल पर गेम खेलने की लत लग जाए तो बच्चों के हाथ से मोबाइल छुड़वाना और मुश्किल हो जाता है। गेम चक्कर में बच्चे पूरी नींद तक नहीं लेते। नींद पूरी नहीं होती तो उनमें चिड़चिड़ापन आजाता है। इसकी वजह से बच्चे आलसी हो जाते हैं और किसी भी काम में उनका मन नहीं लगता।
बच्चा जब लगातार मोबाइल में ही लगा रहता है तो दुसरे काम उसे दिक्कत आती है। उसे जो भी काम करना होता है उसमें उसे मोबाईल का सहारा लेना पड़ता है। इससे उसमें खुद से किसी काम को की क्रिएटिविटी कम हो जाती है। इससे आपका बच्चा हमेशा दुसरे बच्चों से पीछे रहता है। अकेडमिक्स में भी उसे दिक्कतें आती हैं और वह कभी भी अच्छे नंबर नहीं ला पाता है।
हो सकता है कि जब आपका बच्चा दुसरे बच्चों से ज्यादा अच्छी तरह से मोबाइल ऑपरेट कर लेता है तो आपको लगता होगा की आपका बच्चा शार्प माइंड का है मगर क्या आपका बच्चा दुसरे काम में भी है। अगर नहीं तो समझ जाइए कि आपके बच्चे को मोबाइल के अलावा किसी और काम में इंट्रेस्ट ही नहीं है। इसलिए मोबाइल चलाना तो उसे आता है मगर दुसरे काम करने में उसे दिक्कत आती है। यह बात आपको जब तक रिलाइज होगी शायद आपके बच्चे को मोबाइल की बुरी लत लग चुकी होगी और इसे छुड़वाना भी आपके लिए मुश्किल होगा क्योंकि लत बच्चों को जिद्दी बना देती है. इसलिए बच्चे के हाथ में मोबाइल देने से पहले यह तय कर लीजिये कि उसे कितने समय के लिए मोबाइल देना है।
वैसे तो बच्चों को मोबाईल देने की सही उम्र तय करने का कोई मापदंड नहीं है मगर मोबाइल आज के समय की सबसे अहम् जरूरत है। बच्चे को मोबाइल तब ही दें जब वह किसी ऐसी जगह जा रहा हो जहां आप उसके साथ नहीं हैं। आप बच्चे को जब भी फोन दें यह सुनिश्चित कर लें कि उसमें कोई भी अडल्ट सामग्री न हो। इसके साथ ही बच्चा तय समय मोबाइल लौटा दे. बच्चा यदि मोबाइल का सही प्रयोग कर रहा हो तब भी उसे मोबाइल दिया जा सकता है। समय समय पर बच्चे को दिए गए मोबाइल को चेक करते रहें ताकि आपको पता चले की आपका बच्चा मोबाइल का इस्तेमाल किस काम के लिए कर रहा है ।
Credits
Producer: Prabhjot Kaur
Editor: Atul Tripathi