vat savitri 2025 date kab hai shubh puja muhurat and signficance

26 या 27 मई कब रखा जाएगा वट सावित्री का व्रत, जानें क्या है पूजा का मुहूर्त और महत्व

हिंदू धर्म में व्रत और पूजा-पाठ की काफी मान्यता है। वट सावित्री व्रत को सौभाग्यशाली और शुभ फल देने वाला माना गया है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस साल यह व्रत किस दिन पड़ रहा है, पूजा का शुभ मुहूर्त और सही तरीका क्या है, चलिए आपको बताते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-05-24, 14:20 IST

हिंदू धर्म में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए कई व्रत रखती हैं। इन व्रतों की अलग-अलग मान्यताएं और महत्व है। सनातन धर्म में वट सावित्री की पूजा भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, और सुख-समृद्धि के लिए इस व्रत को रखती हैं और भगवान से शुभ फल के लिए प्रार्थन करती हैं। ऐसा भी माना जाता है कि इस व्रत को करने से शादीशुदा जीवन में सुख और सौभाग्य बना रहता है। इस साल यह व्रत किस दिन पड़ रहा है, पूजा का शुभ मुहूर्त और सही तरीका क्या है, चलिए इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

वट सावित्री का व्रत कब रखा जाएगा? (Vat Savitri Vrat Kab Hai)

benrdstg_vat-savitri_625x300_06_June_24

हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि का आरंभ 26 मई को सुबह 10 बजकर 54 मिनट से आरंभ हो रहा है और इसका समापन 27 मई को सुबह 08 बजकर 31 मिनट पर होगा। इसलिए उदया तिथि के आधार पर वट सावित्री का व्रत 26 मई को रखा जाएगा।

वट सावित्री व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

वट सावित्री व्रते के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त के बारे में जानना बेहद जरूरी है। इसलिए आप सही मुहूर्त में ही पूजा-पाठ करें। आप वैसे विशेष रूप से चौघड़िया मुहूर्त और अभिजीत मुहूर्त में पूजा कर सकती हैं। यह पूजा के लिए उत्तम समय बताया गया है।

  • चौघड़िया का शुभ समय - सुबह 8 बजकर 52 मिनट से 10 बजकर 25 मिनट तक।
  • अभिजित मुहूर्त - 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक।
  • दोपहर का शुभ समय - दोपहर 3 बजकर 45 मिनट से 5 बजकर 28 मिनट तक।

इसे जरूर पढ़ें - घर के सामने बरगद का पेड़ होना शुभ या अशुभ?

वट सावित्री व्रत के दिन पूजा का महत्व

collage_maker-18-may-2023-12-16-pm-6142-sixteen_nine

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसी मान्यता है कि वट वृक्ष में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। वट वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा, तने में विष्णु और शाखाओं में महेश का वास माना जाता है। इसलिए वट वृक्ष की पूजा करने से एक साथ त्रिदेवों की कृपा प्राप्त होती है। इतना ही नहीं, वट सावित्री के दिन वट वृक्ष पर यमराज निवास करते हैं, जिससे विवाहित स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए यमराज से प्रार्थना करती हैं। वट सावित्री का व्रत आरोग्य प्राप्ति के लिए भी माना जाता है।

यह विडियो भी देखें

इसे जरूर पढ़ें - Banyan Tree: घर में बरगद का उगना देता है ये गंभीर संकेत 

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- HerZindagi

FAQ
वट सावित्री व्रत 2025 कब है?
इस साल वट सावित्री का व्रत 26 मई को रखा जाएगा।
Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।

;