6 सितंबर 2025 को अनंत चतुर्दशी का पर्व है, जिससे हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। यह दिन कई मायनों में खास होता है। जहां एक ओर भगवान विष्णु की अनंत रूप की पूजा की जाती है, वहीं दूसरी ओर गणेश विर्सजन का भी यह आखिरी दिन होता है। हालांकि, अनंत चतुर्दशी के दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं और इस व्रत के नियम कायदे बहुत ही अलग होते हैं। इस दिन केवल व्रत रखने वाले को ही नहीं बल्कि अनंत चतुर्दशी की पूजा करने वालों को भी इस नियम का पालन करना होता है। खासतौर पर खाने-पीने की चीजों को लेकर कुछ महत्वपूर्ण चीजों का ध्यान रखना होता है। इस विषय में हमारी बात भोपाल के पंडित विनोद सोनी जी से बात की है। वह कहते हैं, "आमतौर पर श्री हरि विष्णु जी के जो व्रत होते हैं, उनमें आप फलाहार भोजन कर सकते हैं, यहां तक की सेंधा नमक का सेवन भी किया जा सकता है, मगर अनंत चतुर्दशी में सफेद चीजें खाना वर्जित माना गया है। खासतौर पर इस व्रत में नमक तो बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए। "
पंडित जी यह भी बताते हैं कि अनंत चतुर्दशी में नमक क्यों नहीं खना चाहिए और यदि आप नमक खा लेती हैं, तो क्या हो सकता है ।
अनंत चतुर्दशी में नमक क्यों नहीं खाते हैं ?
एक कथा के अनुसार श्री विष्णु और असुरों के गुरु शुक्राचार्य के मध्य शत्रुता है। सफेद चीजें शुक्र का प्रतिनिधित्व करती हैं और विष्णु जी के अनंत स्वरूप को सफेद चीजें बिल्कुल पसंद नहीं हैं। ऐसे में नमक, जो नकारात्मक चीजों से मुक्ति प्रदान कराने में इस्मेमाल होता है, उसे अनंत चतुर्दशी के दिन इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि अगर आप इस दिन आप नमक, चावल, सफेद मिठाई आदि का सेवन करती हैं, तो आपके परिवार की सुख शांति भंग हो जाती है। इस गलती के लिए आपको 14 वर्षों तक भगवान श्री हरि विष्णु की नराजगी सहनी पड़ती है। इतना ही नहीं, ऐसा कहा जाता है कि अगर आप अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत न भी रख रही हों तो भी आपको नमक का सेवन नहीं करना चाहिए ।
अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत रखने के नियम
अनंत चतुर्दशी व्रत हिंदू धर्म का एक विशेष और पुण्यदायी व्रत है, जो भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है और व्रत रखने से समस्त कष्टों का नाश होता है तथा घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
अगर आप 6 सितंबर 2025 को अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने जा रही हैं, तो निम्नलिखित नियमों का पालन अवश्य करें:
1- सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। घर और पूजा स्थान को साफ-सुथरा रखें। व्रती को पूरे दिन मानसिक और शारीरिक शुद्धता बनाए रखनी चाहिए।
2- भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की पूजा हेतु पीले वस्त्र, 14 गांठों वाला कुमकुम या रेशमी धागा , फल-फूल, तुलसी, दूर्वा, नारियल, रोली, अक्षत, मिठाई आदि की व्यवस्था करें।
3- पूजा के बाद 14 गांठों वाला अनंत सूत्र भगवान विष्णु के समक्ष रखकर पूजन करें। पुरुष दाहिने हाथ में और महिलाएं बाएं हाथ में यह सूत्र बांधें। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ पूरे वर्ष पहनना शुभ होता है।
4- व्रत का संकल्प लेकर विष्णु जी की पूजा करें। “ॐ अनंताय नमः” मंत्र का जाप करें। भगवान को भोग अर्पित करने के बाद व्रत कथा अवश्य सुनें।
5- रात में पूजा करने के बाद आप व्रत खोल सकती हैं, मगर व्रत खोलने के बाद भी आपको नमक नहीं खाना है।
अनंत चतुर्दशी का व्रत केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, यह एक संकल्प है जो व्यक्ति के जीवन में अनुशासन, भक्ति और आत्मिक शुद्धता लाता है। लेख में बताई गई जानकारी आपको पसंद आई हो तो इसे शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल्स पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
HerZindagi Video
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों