आज 28 अगस्त 2025, गुरुवार के दिन, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। आज के दिन चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है जिसे ज्योतिष में काफी शुभ माना जाता है। आज के दिन का सबसे खास शुभ समय अभिजीत मुहूर्त रहेगा जो दोपहर में होता है। किसी भी नए या शुभ काम की शुरुआत के लिए यह समय बहुत उत्तम है। ऐसे में अगर आप कोई नया काम कर रही है, विशेष रूप से नए घर में शिफ्ट हो रही हैं तो ऐसे में एमपी, छिंदवाड़ा के पंडित सौरभ त्रिपाठी द्वारा बताया गया आज का पंचांग देख सकते हैं।
आज का पंचांग 28 अगस्त 2025
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
भाद्रपदशुक्लपंचमी शाम 05:58 तक | चित्रा सुबह 08:44 तक | गुरुवार | शुभ दोपहर 12:34 तक | विष्टि दोपहर 03:46 तक |
आज सूर्य और चंद्रमा का समय 28 अगस्त 2025
प्रहर | समय |
सूर्योदय | सुबह 05:50 बजे |
सूर्यास्त | शाम 06:32 बजे |
चंद्रोदय | सुबह 09:11 बजे |
चंद्रास्त | शाम 08:51 बजे |
आज का शुभ मुहूर्त और योग 28 अगस्त 2025
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:35 बजे से सुबह 05:23 बजे तक |
अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 12:03 बजे से दोपहर 12:53 बजे तक |
अमृत काल | सुबह 11:29 बजे से दोपहर 01:14 बजे तक |
आज का अशुभ मुहूर्त 28 अगस्त 2025
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
राहु काल | दोपहर 12:11 बजे से दोपहर 01:46 बजे तक |
गुलिक काल | सुबह 10:36 बजे से दोपहर 02:11 बजे तक |
यमगंड | सुबह 08:22 बजे से सुबह 09:13 बजे तक |
दुर्मुहूर्त | सुबह 11:46 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक |
आज व्रत और त्योहार 28 अगस्त 2025
पर्व के रूप में आज 28 अगस्त 2025 के दिन ऋषि पंचमी मनाई जाएगी। वहीं, व्रत के रूप में आज गुरुवार रखा जाएगा। दोनों ही पर्व एवं व्रत का अपना-अपना महत्व है।
ऋषि पंचमी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए होता है जिन्होंने मासिक धर्म के दौरान अनजाने में पूजा-पाठ से जुड़ा कोई काम किया हो।
इस दिन महिलाएं सप्त ऋषियों की पूजा करती हैं। माना जाता है कि इस व्रत को करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन शुद्ध होता है। यह व्रत पुरुषों के लिए भी है।
अगर किसी पुरुष ने जीवन में कभी भी किसी महिला के साथ किसी भी प्रकार का अपराध किया हो फिर चाहे वह जानबूझकर हो या अनजाने में, उस पाप की क्षमा पाने के तौर पर पुरुषों द्वारा यह व्रत रखा जाता है।
गुरुवार का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है जिन्हें सृष्टि का पालनहार माना जाता है। इस व्रत को रखने से व्यक्ति को विशेष कृपा और आशीर्वाद मिलता है।
माना जाता है कि जो लोग यह व्रत पूरी श्रद्धा से करते हैं उनके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इस व्रत को करने से व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत होते हैं।
यह व्रत भगवान विष्णु के साथ-साथ बृहस्पति देव को भी प्रसन्न करता है। व्रतधारी इस दिन पीले वस्त्र पहनते हैं, केले के पेड़ की पूजा करते हैं और पीले रंग की चीजें जैसे चने की दाल और केले का दान करते हैं।
आज का उपाय 28 अगस्त 2025
इस दिन सप्त ऋषियों की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें। इसके बाद घर में पूजा की जगह पर सप्त ऋषियों की तस्वीर या मूर्ति रखें।
अगर तस्वीर या मूर्ति न हो, तो आप एक थाली में चावल रखकर सात छोटी-छोटी ढेरी बना सकते हैं जो सप्त ऋषियों का प्रतीक मानी जाती है। अब उनकी पूजा करें, उन्हें फल, फूल और मिठाई का भोग लगाएं।
इसके बाद 'सप्तर्षि स्तोत्र' का पाठ करें। माना जाता है कि ऐसा करने से आपके सभी पाप दूर होते हैं और घर में सुख-शांति आती है। ऋषि पंचमी के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना बहुत ही पुण्यदायक माना जाता है।
अगर किसी पवित्र नदी में जाना संभव न हो, तो आप घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर व्रत का संकल्प लें। यह उपाय शरीर और मन दोनों को शुद्ध करता है और आपको सप्त ऋषियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और केले के पेड़ को जल चढ़ाएं। इसके साथ ही, केले और चने की दाल का दान करें। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनें और माथे पर केसर का तिलक लगाएं। इससे गुरु ग्रह मजबूत होता है और आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
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image credit: herzindagi
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