दीपक का बुझना अशुभ माना जाता है और अनिष्ट के संकेत के रूप में देखा जाता है। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं पूजा के दौरान दीपक बुझने का कारण और तर्क।
दीपक जलाना होता है अशुभ
दीपक को ज्ञान की ज्योत कहा जाता है क्योंकि इसे जलाने से न सिर्फ घर में बल्कि जीवन में भी प्रकाश आता है लेकिन दीपक बुझने को अशुभ माना जाता है।
हवा से बुझ सकता है दीपक
दीपक बुझने के कई कारण और संकेत होते हैं। अगर आरती के समय दीपक अचानक से बुझ जाए तो इसका पहला और मुख्य कारण वायु वेग हो सकता है।
ये है धार्मिक तर्क
पंखें, कूलर या प्राकृतिक हवा के कारण दीपक के बुझने का तर्क ज्यादातर मान्य होता है। इसके अलावा, धार्मिक दृष्टिकोण से दीपक बुझने के कारण भिन्न हो सकते हैं।
इच्छा पूर्ती में बाधा
पूजा के दौरान दीपक बुझ जाना इच्छा पूर्ती में बाधक माना जाता है। पूजा के दौरान दीपक का बुझना देवी देवताओं के नाराज होने का भी संकेत माना जाता है।
पाप कर्म और बुरा व्यवहार
दीपक इस कारण से भी बुझ सकता है कि आरती करने वाले व्यक्ति ने कोई गलत आचरण अपनाया हो या किसी पाप कर्म में वह शामिल हो। इसे भगवान का संकेत माना जाता है।
अधूरी पूजा
सच्चे मन से अगर पूजा न की जाए या पूजा में कोई कमी हो अथवा पूजा अधूरी हो तब भी दीपक बुझना संभव है। ऐसे में इश्वर से क्षमा मांग कर दोबारा दीपक जलाना चाहिए।
दीपक की बत्ती
अगर दीपक की बत्ती पुरानी हो गई है या ठीक से मथी नहीं गई है तब भी दीपक बुझ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कई पुरानी बत्ती नमी पकड़ लेती है और बत्ती पानी के कारण जल नहीं पाती है।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो लाइक और शेयर करें। इस तरह की अन्य जानकारी के लिए क्लिक करें herzindagi.com