आपने रास्ते में कहीं आते-जाते वक्त देखा होगा कि किन्नर तालियां काफी बजाते हैं। वे किसी से बात करते-करते भी कई बार ताली बजा देते हैं। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल तो आता ही होगा कि आखिर किन्नर बार-बार ताली क्यों बजाते हैं? अगर हां, तो चलिए जानते हैं इसके पीछे क्या वजह हो सकती है।
ताली की अलग आवाज
किन्नर जब ताली बजाते हैं, तो उसकी आवाज आम तालियों जैसी नहीं होती है। किन्नर बहुत अलग अंदाज में ताली बजाते हैं, जिसके पीछे की वजह भी बहुत खास होती है।
दूसरे साथी की पहचान
किन्नर ताली की खास आवाज से अपने दूसरे साथी की पहचान कर लेते हैं। इसके पीछे की वजह है कि आजकल कुछ लोग पैसा कमाने के लिए किन्नर की पोशाक पहनकर घूमने लगते हैं।
फर्जी और असली किन्नर की पहचान
जब किन्नर ताली बजाते हैं, तो इससे उन्हें पता चल जाता है कि सामने वाला उनके समुदाय का है या फर्जी है। यही कारण है कि बाहर रहने पर किन्नर ताली बजाते हैं।
खुशी का इजहार
लोगों के घर में शादी या किसी खास मौके के उत्सवों में किन्नर वहां पहुंचकर अपनी खुशी दर्शाते हैं। साथ ही, वहां असल और नकली किन्नर की पहचान के लिए भी वे ताली बजाते हैं।
भावनाएं करते हैं जाहिर
किन्नर खास अंदाज में ताली बजाकर अपने ग्रुप के बीच में अपनी भावनाओं को भी जाहिर करते हैं। खुश या दुखी होने पर भी किन्नर ताली बजाते हैं।
ताली बजाने का तरीका
किन्नर एक हाथ वर्टिकल और एक हाथ हॉरिजॉन्टल में रखकर ताली बजाते हैं। इस दौरान उनके दोनों हाथों की उंगलियां एकदम दूर-दूर होती हैं।
दूसरों को देते हैं आशीर्वाद
किसी खास मौके पर किन्नर लोगों को आशीर्वाद देने के साथ-साथ ताली बजाकर अपनी मौजूदगी को भी दर्शाते हैं। अपने समुदाय में लड़ाई होने पर भी ये ताली बजाते हैं।
किन्नर की तालियां बहुत खास होती हैं। स्टोरी अच्छी लगी हो, तो शेयर करें। इस तरह की अन्य जानकारी के लिए क्लिक करें herzindagi.com पर।