महाशिवरात्रि का व्रत हर साल बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शंकर का विवाह होता है। आज इस खबर में हम आपको बताएंगे कि महाशिवरात्रि का व्रत कब खोला जाता है। इस बारे में श्री हनुमत ज्योतिष संस्थान के संस्थापक ज्योतिर्विद अमित कुमार मिश्र बड़ागांव (डीह )वाराणसी ने जानकारी शेयर की है।
महाशिवरात्रि का व्रत कब खोलें?
महाशिवरात्रि का व्रत बड़े ही विधि विधान से खोला जाता है। इस व्रत को खोलने के लिए शिवरात्रि के अगले दिन सुबह खोला जा सकता है। व्रत खोलने का नियम बहुत महत्वपूर्ण होता है।
महाशिवरात्रि का व्रत खोलने का नियम
महाशिवरात्रि का व्रत खोलने से पहले आपको प्रातः स्नान करना होगा। स्नान के बिन आप इस पवित्र व्रत को खोल नही सकते हैं। अगर आप बिना स्नान के व्रत खोलते हैं, तो वह खंडित हो सकता है।
व्रत खोलने के लिए क्या करें?
स्नान के बाद साफ एवं स्वच्छ कपड़े पहने। इसके बाद भगवान शंकर और माता पार्वती का विधिवत पूजा-पाठ और आरती करें। ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं।
शंकर जी और माता पार्वती का भोग
भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करते समय आप उन्हें फल, फूल, मिठाई , भांग और आक का भोग लगाएं। इनके साथ ही भगवान नंदी को भी भोग लगाएं।
महाशिवरात्रि का व्रत क्या खा कर खोले?
भगवान शंकर और माता पार्वती को लगे हुए भोग को ही प्रसाद के रूप लें। इस प्रसाद को खाने के बाद आपका प्रसाद खुल जाएगा और अन्न का सेवन कर सकते हैं।
ब्राह्मण को दान देने का महत्व
भगवान शंकर और माता पार्वती का पूजा करने के बाद आप ब्राह्मण को जरूर दान करें। ब्राह्मण को दान करने से भगवान प्रसन्न होते हैं। इससे आपके घर में हमेशा संपन्नता बनी रहती है।
गरीब को भोजन कराने से लाभ
ब्राह्मण को दान देने के अलावा आप किसी गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति को दान दें और भोजन भी कराएं। इसके साथ ही आप उसे वस्त्र भी दान कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि के व्रत को आप अगले दिन सूर्योदय के बाद खोल सकते हैं। खबर पसंद आई हो, तो शेयर करें। ऐसी ही अन्य खबरों के लिए herzindagi.com से जुड़े रहें।