हिंदू धर्म में मंत्रों का जाप करने का खास महत्व होता है। वहीं, हवन के दौरान भी कई मंत्र बोले जाते हैं, जिनमें से एक है पूर्णाहुति मंत्र। आज हम आपको बताएंगे कि यह कौन-सा मंत्र होता है, कब बोला जाता है और इसका क्या अर्थ होता है। आइए जानें-
पूर्णाहुति मंत्र
यह एक वैदिक मंत्र है, जिसे बहुत शक्तिशाली माना जाता है। यज्ञ या हिंदू अग्नि अनुष्ठान के अंत में इस मंत्र का उच्चारण किया जाता है।
वातावरण करे शुद्ध
माना जाता है कि पूर्णाहुति मंत्र बोलने से आसपास का वातावरण शुद्ध होता है। साथ ही, इस मंत्र से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।
पूर्णाहुति मंत्र का उच्चारण यज्ञ के अंत में किया जाता है। इसमें देवताओं को अग्नि से आहुति दी जाती है और इसी के साथ यज्ञ अनुष्ठान पूर्ण होता है।
नकारात्मक ऊर्जा करे दूर
इस खास मंत्र के उच्चारण से घर से नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है। साथ ही, घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
मन की शांति बढ़ाए
पूर्णाहुति मंत्र का उच्चारण करने से व्यक्ति का मन शांत होता है। साथ ही, इससे आध्यात्मिक जागरूकता और चेतना को बढ़ावा मिलता है।
शांति और समृद्धि
यज्ञ के अंत में इस मंत्र का उच्चारण करने से कार्य के संपूर्ण होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही, इससे घर में शांति और समृद्धि आती है।
पूर्णाहुति मंत्र का जाप यज्ञ या हवन के अंत में जरूर किया जाता है। स्टोरी अच्छी लगी हो, तो शेयर करें। इस तरह की अन्य जानकारी के लिए क्लिक करें herzindagi.com पर।