इस साल तीज के तीन मुख्य पर्व हैं, जिनमें हरियाली, हरतालिका और कजरी तीज शामिल हैं। कई लोग हरियाली और हरतालिका तीज को एक ही समझ लेते हैं, जो कि गलत है। आइए, आपको इन दोनों के बीच का अंतर बताते हैं -
महीनों में है अंतर
हरियाली तीज सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को और हरतालिका तीज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है।
हरियाली तीज
हरियाली तीज में सुहागिन महिलाएं लहरिया पहनकर झूला झूलती हैं, हंसी-ठिठौली और मौज-मस्ती करती हैं।
हरियाली तीज पर मेला
हरियाली तीज के दिन मेले का आयोजन किया जाता है। तीज के दिन शाही सवारी निकाली जाती है।
हरतालिका तीज के नियम
इस व्रत के बहुत कड़े नियम होते हैं। इस दिन किसी मेले का आयोजन नहीं होता और रात को चांद निकलने पर ही पूजा के पाज महिलाएं व्रत तोड़ सकती हैं।
छोटी और बड़ी तीज
हरियाली तीज को छोटी तीज कहा जाता है। वहीं कजरी तीज को बड़ी तीज कहा जाता है और हरतालिका तीज को सामान्य तीज कहते हैं।
मां पार्वती का व्रत
कहा जाता है कि हरियाली तीज से मां पार्वती के व्रत से शुरू करके उसे हरतालिका तीज तक करना चाहिए। इससे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
हरियाली तीज व्रत
कहा जाता है कि हरियाली तीज के दिन विवाहित महिलाएं अपनी पति की दीर्घ आयु के लिए व्रत रखती हैं।
अगर आप भी इन दोनों तीज में अक्सर कन्फ्यूज हो जाते हैं, तो दोनों के बीच का अंतर जानें। स्टोरी अच्छी लगी हो तो लाइक और शेयर करें। इससे जुड़ी अन्य जानकारी के लिए यहां क्लिक करें herzindagi.com।