मुगल रानियां पहनती थीं इतने किलो के जेवर और लहंगे


Megha Jain
02-02-2024, 17:00 IST
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    मुगलों के जमाने में रानियां भारी-भारी गरारे-शरारे, लहंगे और जेवरात से लदी रहती थीं। ऐसा कहा जाता है कि रानियों के कपड़ों में जड़ाऊ पत्थरों और सोने-चांदी से काम हुआ होता था। आइए, जानते हैं कि उस समय मुगल रानियां कितने किलो के लहंगे और ज्वेलरी पहना करती थीं -

कितने किलो था वजन

    ऐसा माना जाता है कि उस समय मुगल रानियों के कपड़ों और गहनों का वजन 50 किलो से भी ज्यादा का हुआ करता था।

रानियों का दुपट्टा

    कहा जाता है कि मुगल रानियों के दुपट्टे में भारी जड़ाऊ गोटे, घुंघरू लगे होते थे। बाहर जाते समय वे सोने-चांदी के घुंघरू वाले दुपट्टे पहनती थीं।

मुगल जेवर

    ऐसा कहा जाता है कि मुगल रानियां रोजाना में कंगन, हार, गुलबंद, मांगटीका जैसे भारी-भारी जेवर पहना करती थीं।

रानियों के कपड़े

    माना जाता है कि मुगल रानियां या शाही परिवार की महिलाएं सोने. चांदी और रत्नों से जड़े भारी-भारी वस्त्र पहना करती थीं।

सिर के मुकुट

    मुगल समय में सिर पर पहनने वाले भारी मुकुट रत्नों से जड़े हुए होते थे। इसके साथ ही कमरबंद और हार भी काफी भारी हुआ करते थे।

मुगल रानियों के तोहफे

    माना जाता है कि उस समय मुगल रानियों और बेगमों को उनके ओहदे के अनुसार जेवर और अन्य आभूषण तोहफे में मिला करते थे।

मुगल रानियां

    ऐसा कहते हैं कि मुगल समय में जोधाबाई और जहांआरा जैसी प्रभावशाली महिलाएं रोजमर्रा की जिंदगी में कई किलो के गहनें और कपड़े पहनती थीं।

    आप भी जानें कि मुगल रानियों के कपड़े और जेवरों का वजन कितना हुआ करता था। स्टोरी अच्छी लगी हो तो लाइक और शेयर करें। इससे जुड़ी अन्य जानकारी के लिए यहां क्लिक करें herzindagi.com