धर्म ग्रंथों में हनुमान जी के ब्रह्मचारी होने की बात कही गई है लेकिन रामायण में हनुमान जी के विवाहित होने के बारे में बताया गया है। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से जानते हैं हनुमान जी पत्नी और ससुर के बारे में।
हनुमान जी ने ली शिक्षा
सूर्य देव हनुमान जी के गुरु हैं और उन्हीं से हनुमान जी ने सारी शिक्षा-दीक्षा प्राप्त की है। सूर्य देव ने हनुमान जी को सभी प्रकार सिद्धियों और निधियों का ज्ञान दिया था।
शिक्षा में ब्रह्मचर्य बना बाधा
कथा के अनुसार, हनुमान जी की इसी शिक्षा और ज्ञान प्राप्ति के बीच उनका ब्रह्मचर्य आ गया। कुछ ऐसी विद्याएं थीं जो बिना शादी के हनुमान जी नहीं प्राप्त कर सकते थे।
सूर्य देव से उत्पन्न हुई कन्या
तब सूर्य देव ने युक्ति लगाईं और अपने तेज से एक कन्या को प्रकट किया। सूर्य देव ने हनुमान जी को उस कन्या से विवाह करने के लिए कहा लेकिन हनुमान जी नहीं मानें।
विवाह का रखा प्रस्ताव
सूर्य देव ने हनुमान को समझाया कि यह कन्या विवाह के बाद तुम्हारे ज्ञान प्राप्त करने के पश्चात तपस्या में लीन हो मुझ ही में मिल जाएगी। इससे हनुमान का ब्रह्मचर्य भंग नहीं होगा।
हनुमान जी ने किया विवाह
हनुमान मान गए और विवाह कर सारा ज्ञान प्राप्त कर लिया जिसके बाद कन्या पुनः सूर्य तेज में ही विलीन हो गई और हनुमान जी का ब्रह्मचर्य भंग नहीं हुआ।
हनुमान जी की पत्नी का नाम
सूर्य तेज से उत्पन्न होने के कारण वह कन्या सूर्य पुत्री सुवर्चला और हनुमान जी की पतनी कहलाईं और इस रिश्ते से सूर्य देव हनुमान जी के गुरु के साथ-साथ ससुर भी हुए।
इस मंदिर में होती है पूजा
तेलंगाना के खम्मम जिले में हनुमान जी और उनकी पत्नी सुवर्चला की पूजा होती है। यह इकलौता मंदिर है जहां हनुमान जी अपनी पत्नी के साथ पूजे जाते हैं।
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