जब बात मजनू के टीले की आती है तो वहां स्थित कैफ में मौजूद व्यंजन को देखकर मुंह में पानी आ ही जाता है। इसलिए आज हम आपको मजनू के टीले के बारे में और ऐसी जगहों के बारे में बताते हैं, जहां आप कई बेहतरीन नाश्ते और स्वादिष्ट भोजन का मज़ा ले सकते हैं।
मजनू का टीला नाम कैसे पड़ा?
इस जगह को 'मजनू का टीला' नाम एक गुरुद्वारे से मिला है। इसका इतिहास धर्म संस्थापक गुरु नानक से जुड़ा हुआ है। मजनू के बारे में एक ऐसी धारणा है कि वह यमुना के पास एक टीले में रहते थे इसलिए उस इलाके का नाम मजनू का टीला रख दिया गया था।
क्या है खास?
मजनू का टीला की तिब्बती मार्केट बहुत मशहूर है जहां आपको कपड़ों के साथ प्लाजो, टॉप और कई एथनिक भारतीय पोशाक आसानी से मिल जाएंगी। साथ ही, आपको डेनिम से लेकर बैग आदि तक की कई वैरायटी देखने को भी मिलेंगी।
फेमस कैफ के बारे में
मजनू का टीला दिल्ली की एक छोटी सी कॉलोनी है जहां तिब्बती लोग रहते हैं, उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत पर्यटन, फैशन और भोजन ही है। इसलिए जब आप वहां जाते हैं, तो आपको बड़ी संख्या में रेस्तरां और कैफे मिलते हैं।
अमा कैफे
अमा कैफे मजनू का टीला का सबसे लोकप्रिय कैफे है जो दिखने में कैफ कम रेस्तरां ज्यादा लगता है। अमा कैफ की सज्जा- सज्जा बहुत आकर्षक है। यहां आकर ऐसा लगता है कि हम किसी विदेशी जगह बैठ कर स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठा रहे हैं।
हिमालयी रेस्तरां
यह कैफ इतना लोकप्रिय नहीं लेकिन इस रेस्तरां में आपको कुछ अनोखे व्यंजन खाने को मिलेंगे जो आपको दिल्ली के बाकी हिस्सों में नहीं मिलेंगे। इस रेस्तरां का भोजन बहुत फेमस है साथ ही यहां की दीवारें कुछ बेहतरीन हिमालयी फोटोग्राफी से सजी हुई हैं।
यमुना कैफे
यमुना कैफे Ama Cafe के मुकाबले ज्यादा खूबसूरत नहीं है, लेकिन यह आपको स्वीट्स की कई सारी वैरायटी मिल जाएंगी। यह यमुना के किनारे स्थित है जहां का व्यू बहुत प्यारा है और यहां की मिठाइयां, इस कॉलोनी में मिलने वाली सबसे अच्छी मिठाइयों में से एक हैं।
कैसे जाएं मजनू का टीला?
मजनूं का टीला जीटी रोड पर है और यहां का नजदीकी मेट्रो स्टेशन विधान सभा स्टेशन है, जहां से आप रिक्शा भी ले सकती हैं।
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