मां बनना हर स्त्री के लिए एक सौभाग्य की बात होती है और गर्भावस्था एक स्त्री के जीवन का सबसे खास और यादगार समय होता है। इस दौरान सिर्फ शरीर में ही बदलाव नहीं आते हैं, बल्कि मन में भी कई सारी बातें चल रही होती है और यह समय मानसिक रूप से भी गहराई से जुड़ी एक यात्रा मानी जाती है। इस दौरान मां बनने की खुशी के साथ-साथ कई तरह की चिंता और नए अनुभव भी सामने आते हैं। ऐसे समय में अच्छी किताबों का साथ न केवल आपको जानकारी दे सकता है, बल्कि मन को शांत और आत्मविश्वास से भी भर सकता है। किताबें गर्भवती महिला को अपने भीतर झांकने, अपने अनुभवों को समझने और आने वाले नए जीवन के लिए बेहतर ढंग से तैयार होने में मदद कर सकती हैं। कुछ किताबें स्वास्थ्य और पोषण की जानकारी देती हैं, तो कुछ मां और बच्चे के बीच भावनात्मक जुड़ाव को मजबूत बनाती हैं। वहीं आध्यात्मिक और प्रेरणादायक पुस्तकें मन को संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती हैं। इसलिए गर्भावस्था के इस सुंदर काल में किताबों के साथ बिताया समय एक अनमोल अनुभव बन सकता है। एक जागरूक मां ही एक स्वस्थ और खुशहाल पीढ़ी की नींव रखती है और इस जागरूकता की शुरुआत एक अच्छी किताब से हो सकती है। रीडिंग कॉर्नर में आपको Pregnancy के दौरान पढ़ें जाने वाले कई ऐसे किताबों के विकल्प मिल सकते हैं जो मां बनने से लेकर नए नवजात शिशु के देखभाल के बारे में भी बता सकती है।
Pregnancy को बनाएं और भी खास, इन किताबों के साथ!
गर्भावस्था के दौरान इन किताबों को पढ़कर आप अपने 9 महीने की याद को बना सकती हैं खास और साथ ही इन पुस्तकों के माध्यम से कई सारी जानकारियां भी आपको मिल सकती हैं, डालिए एक नजर।
Top Five Products
What to Expect When You're Expecting
यह पुस्तक हेइडी ईसेनबर्ग मुर्कॉफ द्वारा लिखी गई है जो विश्वप्रसिद्ध गर्भावस्था मार्गदर्शिका है। इस पुस्तक में गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के हर महीने में होने वाले शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक परिवर्तनों के बारे में जानकारी दी गई है। यह किताब पहली बार 1984 में प्रकाशित हुई थी और तब से लाखों महिलाओं की पसंद बन चुकी है। इस किताब में आपको गर्भावस्था के पहले महीने से लेकर नौवें महीने तक, हर चरण में मां और बच्चे के शरीर में क्या-क्या बदलाव आते हैं, उनका विस्तार से वर्णन किया गया है। साथ ही Pregnancy के दौरान होने वाली सुबह की कमजोरी, कब्ज, थकान, पीठ दर्द, मूड स्विंग्स जैसी आम समस्याओं के कारण और घरेलू उपाय भी बताए गए हैं। साथ ही, प्रेग्नेंसी के समय कौन-कौन से मेडिकल चेकअप और ब्लड टेस्ट जरूरी हैं और वे क्यों कराए जाते हैं, यह भी लेखिका ने काफी बढ़िया तरीके से बताया है और साथ ही, गर्भावस्था में क्या खाना चाहिए, क्या नहीं खाना चाहिए, कितना पानी पीना चाहिए, यह सभी पोषण संबंधी पूरी जानकारी दी गई है। प्रसव के प्रकार, लेबर के संकेत, हॉस्पिटल बैग में क्या रखना चाहिए और डिलीवरी के बाद की देखभाल सब कुछ आपको विस्तार से जानने का मौका मिल सकता है। पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के लिए What to Expect When You're Expecting बुक एक मार्गदर्शक का काम कर सकती है और आपके डर को कम करके आत्मविश्वास और जागरूकता बढ़ाने में भी मदद कर सकती है।
01TALKING TO THE BABY IN THE WOMB
डॉ. अंडाल भास्कर की यह पुस्तक Talking to the Baby in the Womb गर्भावस्था के दौरान मां और गर्भ में पल रहे बच्चे के बीच मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक संवाद की अहमियत को दर्शाती है। लेखिका बताती हैं कि गर्भ में पल रहे शिशु केवल एक शारीरिक विकास ही नहीं कर रहा होता है, बल्कि वह सुन सकता है, अनुभव कर सकता है और मां की भावनाओं से जुड़ सकता है। इस किताब में बताया गया है कि अगर गर्भवती मां शिशु से सकारात्मक तरीके से बात करती है, तो शिशु का मानसिक और भावनात्मक विकास बेहतर हो सकता है। मां द्वारा बोले गए शब्द, विचार, भावनाएं और संगीत, ये सब शिशु पर गहरा असर डालते हैं। लेखिका ने विज्ञान और अध्यात्म के संतुलन के साथ यह समझाने की कोशिश की है कि कैसे गर्भकाल में संवाद एक मजबूत मां-बच्चे के रिश्ते की नींव रख सकता है। यह किताब नई माताओं को गर्भावस्था को एक सुंदर अनुभव के रूप में देखने की प्रेरणा देती है।
02The Mindful Mother: A Practical and Spiritual Guide to Enjoying Pregnancy
यह किताब एक व्यावहारिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शिका है जो गर्भावस्था, प्रसव और मातृत्व के शुरुआती चरणों को सजगता के साथ जीने की प्रेरणा दे सकती है। नाओमी चुनीलाल द्वारा लिखी गई The Mindful Mother पुस्तक में ध्यान, योग, सांसों के अभ्यास और आत्म-जागरूकता के जरिए मां बनने की प्रक्रिया को शांत, संतुलित और आनंदमयी बनाने के तरीकों को बताया गया है। यह किताब न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी सशक्त बनने में मदद कर सकती है। इसमें हर तिमाही के लिए विशेष सुझाव, ध्यान तकनीक, सकारात्मक सोच और आत्म-देखभाल के उपाय दिए गए हैं, ताकि मां और शिशु दोनों का विकास संतुलित रूप से हो सके। यह पुस्तक उन महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी है जो अपने मातृत्व अनुभव को गहराई से समझना और आनंदपूर्वक जीना चाहती हैं।
03Best Hindi Garbhsanskar Guide for women
यह पुस्तक डॉ. रोहित ढींगरा द्वारा लिखी गई है जोकि गर्भवती महिलाओं के लिए एक व्यावहारिक मार्गदर्शिका साबित हो सकती है, जिसमें गर्भधारण से लेकर प्रसव और प्रसव के बाद तक की संपूर्ण यात्रा को सरल और सहज रूप में समझाया गया है। इस पुस्तक की विशेषताओं की बात करें तो इसमें गर्भसंस्कार के बारे में बताया गया है यानि मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से शिशु के विकास को प्रेरित करने वाले आसान अभ्यास व उपाय। साथ ही, पुस्तक में ऐसे सुझाव और तकनीकें दी गई हैं जो गर्भवती महिलाओं को नॉर्मल डिलीवरी की ओर प्रेरित कर सकती हैं और-तो-और यह पिता के लिए भी एक विशेष गाइड साबित हो सकती है जो उन्हें गर्भावस्था के दौरान मां और शिशु के साथ भावनात्मक रूप से जोड़ने में मदद कर सकती है। इस Book को ग्राफिक्स और सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है, जिससे इसे समझना आसान हो सकता है। यह किताब Pregnant Woman के साथ-साथ उनके जीवनसाथी और परिवारजनों के लिए भी एक उपयोगी विकल्प साबित हो सकती है।
04Pregnancy Handbook for Indian Moms
विनिता साल्वी द्वारा लिखी गई प्रेग्नेंसी हैंडबुक फॉर इंडियन मॉम, भारतीय महिलाओं के लिए गर्भावस्था से जुड़ी सही और वैज्ञानिक जानकारी दे सकती है। अक्सर इस दौरान महिलाएं, बड़े-बुजुर्गों की बातों पर निर्भर रहती हैं, जिनमें कई बार अंधविश्वास और बेवजह की पाबंदियां होती हैं। इस किताब में डॉक्टर विनिता साल्वी ने स्पष्ट किया है कि एक शिक्षित और आधुनिक महिला को किस तरह अपनी गर्भावस्था में सही जांचें, सावधानियां, खान-पान और व्यायाम अपनाना चाहिए। किताब की शुरुआत गर्भधारण की तैयारी से होती है, फिर हर ट्राइमेस्टर में शरीर में होने वाले बदलावों और उनसे निपटने के तरीके बताए गए हैं। इसमें सभी जरूरी टेस्ट, वैक्सीन, व्यायाम, पौष्टिक आहार, गर्भावस्था में संभावित समस्याएं और उनका समाधान विस्तार से बताया गया है और साथ ही, प्रसव और डिलीवरी के दौरान क्या उम्मीद रखना चाहिए, इसके बारे में भी आपको जानकारी मिल सकता है। कुल मिलाकर, यह किताब हर उस महिला के लिए एक भरोसेमंद साथी साबित हो सकती है जो सुरक्षित और स्वस्थ गर्भावस्था चाहती हैं।
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गर्भावस्था के दौरान किताब पढ़ने के लाभ
गर्भावस्था के समय में किताबें न केवल मनोरंजन का माध्यम बनती हैं, बल्कि वे एक मित्र और सहारा भी साबित हो सकती हैं। यहां जाने कि गर्भावस्था के दौरान किताबें पढ़ने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं:
- मानसिक तनाव को कम करने में मददगार - गर्भावस्था में बदलते हार्मोन्स के कारण कई बार मूड स्विंग्स और चिंता की स्थिति पैदा हो जाती है। इस समय किताबें पढ़ना मन को शांति और राहत देने का काम कर सकता है। खासकर प्रेरणादायक और आध्यात्मिक किताबें मन की शांति को बनाए रखने में मदद कर सकती हैं।
- सही जानकारी और जागरूकता - गर्भावस्था, प्रसव और शिशु देखभाल से जुड़ी किताबें पढ़ने से मां बनने वाली महिला को हर चरण की जानकारी मिल सकती है, जैसे कि किस तिमाही में क्या सावधानियां बरतनी हैं, कौन सा आहार सही है और कौन सी चिकित्सा सलाह आवश्यक है।
- बच्चे के मानसिक विकास पर सकारात्मक असर - ऐसा माना गया है कि गर्भावस्था के दौरान मां जो कुछ भी सोचती, सुनती या पढ़ती है, उसका असर गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है। इसलिए शांतिपूर्ण और सकारात्मक विचारों वाली किताबें पढ़नी चाहिए जो बच्चे के मानसिक और भावनात्मक विकास में मददगार हो सकती हैं।
- आध्यात्मिक और भावनात्मक जुड़ाव - धार्मिक ग्रंथ, कथाएं और ध्यान से जुड़ी किताबें पढ़ने से गर्भवती स्त्री को न केवल आंतरिक शांति मिल सकती है, बल्कि वह खुद को अपने बच्चे से और गहराई से जोड़ पाती है।
- समय का सही उपयोग - गर्भावस्था के दौरान आराम के पल अक्सर लंबे होते हैं। ऐसे में किताबें समय बिताने का बेहतरीन साधन बन सकती हैं, जो न केवल मनोरंजन देने में मदद करेगी, बल्कि कई सारी फायदेमंद बातों को भी बता सकती है।
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Faq's
- गर्भावस्था में कैसी किताबें पढ़ना सुरक्षित है?+गर्भावस्था के दौरान आपको ऐसी किताबें पढ़नी चाहिए जो गैर-विवादास्पद हो और साथ ही आपको सकारात्मक जानकारियां दें। इस दौरान आपको नकारात्मक बातों से बचना चाहिए।
- क्या गर्भावस्था के दौरान किताब पढ़ने से तनाव कम हो सकती है?+जी हां, कई सारी ऐसी किताबें हैं जिनको पढ़ कर आपका तनाव Pregnancy के समय कम हो सकता है जैसे कि माइंडफुलनेस और ध्यान पर आधारित Books गर्भावस्था के दौरान शांति बनाए रखने में मदद कर सकती हैं।
- क्या गर्भावस्था में शिशु के विकास के बारे में पढ़ना जरूरी है?+वैसे तो गर्भावस्था में शिशु के विकास के बारे में पढ़ना जरूरी नहीं है लेकिन यह जानकारी माता-पिता को गर्भावस्था के दौरान और बाद में बच्चे के लिए बेहतर तैयारी करने में मदद कर सकती है।