Anant Chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्‍णु के किस स्‍वरूप की पूजा करें? जानें सही विधि और शुभ मुहूर्त

अनंत चतुर्दशी 2025 पर करें भगवान विष्णु के महा स्वरूप की पूजा। जानें सही पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इस दिन के धार्मिक महत्व की पूरी जानकारी।
Maha Vishnu puja 2025
Maha Vishnu puja 2025

हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी को बहुत बड़ा पर्व माना गया है। हालांकि लोगों में भ्रम है कि यह त्‍योहार गणेश विर्सजन से जुड़ा है, मगर सत्‍य यह है कि अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान श्री हरि विष्‍णु के अनंत स्‍वरूप की पूजा होती है, इसे भगवान का 'महा स्‍वरूप' भी कहा गया है। हमने भगवान के इस स्‍वरूप के बारे में उज्‍जैन के पंडित एंव ज्‍योतिषाचार्य मनीष शर्मा से बात की। वह कहते हैं, " जब हम भगवान स्‍वरूपों की बात करते हैं तो हमें उनके 10 अवतार- राम, कृष्‍ण, वामन आदि ही याद आते हैं, मगर असल में भगवान विष्‍णु के 4 स्‍वरूप हैं,जिनके नाम महा विष्णु, गर्भोदकशायी विष्णु, क्षीरोदकशायी विष्णु, अंतर्यामी विष्णु हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन सभी लोगों भगवान विष्‍णु के महा स्‍वरूप की पूजा करनी चाहिए।"

पंडित जी हमें भगवान के महा स्‍वरूप के बारे में भी विस्‍तार से बताते हैं। अगर आप भी अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्‍णु के अनंत स्‍वरूप की पूजा करके उनका विशेष आशीर्वाद पाने की आशा रखती हैं, तो आपको पंडित जी द्वारा बताई गई जानकारी के अनुसार ही सारे काम करने चाहिए-

कैसा दिखता है भगवान विष्‍णु का अनंत स्‍वरूप ?

महा विष्णु को भगवान विष्णु का सबसे उच्च और ब्रह्मांडीय रूप माना जाता है। वे "कारण सागर" में योगनिद्रा में रहते हैं और शेषनाग पर विराजमान हो आराम की मुद्रा में नजर आते हैं।। जब वे सांस छोड़ते हैं, तो उनके शरीर के रोमकूपों से अनगिनत ब्रह्मांड उत्पन्न होते हैं। भगवान के इस स्‍वरूप का कार्य केवल ब्राह्मांड की उत्‍पत्ति करना है।

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कैसे करें भगवान विष्‍णु के महास्‍वरूप की पूजा?

भगवान विष्णु का महा स्‍वरूप बहुत ही दिव्‍य है। इस स्‍वरूप की पूजा भी दिव्‍य होती है। चलिए हम आपको इसकी विधि बताते हैं:

  • प्रातःकाल स्नान करके साफ वस्त्र पहनें। पुरुष को पीला और महिलाओं को इस दिन लाल वस्‍त्र पहनना चाहिए।
  • पूजा घर को साफ करें और पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा करें।
  • कुछ क्षण आंखें बंद करके भगवान विष्णु को स्मरण करें और मन को स्थिर करें।
  • गाय के घी का दीपक दक्षिण दिशा को छोड़ किसी भी दिशा में जलाएं।
  • भगवान विष्णु के महा स्‍वरूप के लिए अत्यंत प्रभावी महामंत्र :

ॐ नमो भगवते महाविष्णवे वासुदेवाय धीमहि।

तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥

इस मंत्र का जाप 108 या 11 बार अवश्‍य करें।

अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्‍णु की पूजा का शुभ मुहूर्त

अनंत चतुर्दशी 6 सितंबर 2025 को प्रातः 3:12 बजे से प्रारंभ होकर 7 सितंबर को सुबह 1:41 बजे समाप्त होगी। भगवान के महा स्‍वरूप की पूजा के लिए सुबह 6:05 बजे से रात्रि 10:22 तक का वक्‍त अत्‍यंत शुभ माना गया है।

भगवान विष्‍णु के महा स्‍वरूप की पूजा से क्‍या फल मिलेगा?

भगवान विष्‍णु के इस दिव्‍य स्‍वरूप की पूजा करने से आपको विशेष फल की प्राप्ति होती है, चलिए हम आपको इसके फल के बारे में बताते हैं-

  • महा विष्णु की आराधना से व्यक्ति को जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिल सकती है। यह पूजा आत्मा को उसके परम धाम की ओर ले जाती है।
  • इस दिव्य स्वरूप की उपासना से मन में शांति, संतुलन और धैर्य प्राप्‍त होता है। व्यक्ति की सोच स्थिर होती है और जीवन के उतार-चढ़ाव में वह डगमगाता नहीं है।
  • महा विष्णु की भक्ति से पुराने पापों का क्षय होता है और शुभ कर्मों की प्रेरणा मिलती है। इससे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है।
  • भगवान विष्णु के महा स्‍वरूप की पूजा करने से व्यक्ति को विवेक, ज्ञान और स्मृति की शक्ति प्राप्त होती है।
  • विष्‍णु जी के इस स्‍वरूप की पूजा करने से देवी लक्ष्मी जी भी प्रसन्न होती हैं और साधक को धन, सुख और समृद्धि का वरदान मिलता है।

भगवान विष्णु के महा स्‍वरूप की पूजा से न केवल लौकिक सुख मिलते हैं, बल्कि यह आत्मा को परम लक्ष्य, मोक्ष और दिव्यता की ओर अग्रसर करती है। यह जानकारी आपको पसंद आई हो तो इस लेख को शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल्‍स पढ़ने के लिए जड़ी रहें हरजिंदगी से।

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