20 जुलाई 2025 का पंचांग कई मायनों में खास रहेगा क्योंकि यह रविवार का दिन होगा और श्रावण मास का पवित्र समय चल रहा होगा। इस दिन श्रावण कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि दोपहर 12:13 बजे तक रहेगी। नक्षत्र की बात करें तो, इस दिन कृत्तिका नक्षत्र रात 10:53 बजे तक रहेगा और उसके बाद रोहिणी नक्षत्र का प्रभाव शुरू हो जाएगा। ज्योतिषीय योगों में, गंड योग रात 09:47 बजे तक रहेगा, जिसके बाद वृद्धि योग शुरू होगा। इस दिन राहुकाल शाम 05:36 बजे से शाम 07:19 बजे तक रहेगा, जिसमें शुभ कार्य वर्जित होते हैं। वहीं, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:59 बजे से दोपहर 12:54 बजे तक रहेगा, जो दिन का सबसे शुभ समय होता है और किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने के लिए उत्तम है। ऐसे में अगर आप अपना खुद का कोई काम शुरू करना चाहती हैं तो ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स के माध्यम से आज का दिन और रात का चौघड़िया मुहूर्त देख सकती हैं।
मुहूर्त का नाम | मुहूर्त का समय |
उद्वेग (अशुभ मुहूर्त) | सुबह 05:36 बजे से सुबह 07:19 बजे तक |
चर (मध्यम शुभ मुहूर्त) | सुबह 07:19 बजे से सुबह 09:02 बजे तक |
लाभ (शुभ मुहूर्त) | सुबह 09:02 बजे से सुबह 10:45 बजे तक |
अमृत (सर्वोत्तम शुभ मुहूर्त) | सुबह 10:45 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक |
उद्वेग (अशुभ मुहूर्त): यह एक अशुभ मुहूर्त माना जाता है। यह चिंता, तनाव, और परेशानी ला सकता है। इस दौरान किए गए कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं। महत्वपूर्ण या शुभ कार्य जैसे यात्रा, नए व्यापार की शुरुआत, या बड़े लेन-देन से बचना चाहिए।
चर (मध्यम शुभ मुहूर्त): यह मध्यम शुभ मुहूर्त होता है। इसका संबंध गतिशीलता और अस्थिरता से है। यात्रा, वाहनों की खरीद-फरोख्त, या ऐसे कार्य जिनके लिए त्वरित गति की आवश्यकता हो, इस समय में किए जा सकते हैं।
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लाभ (शुभ मुहूर्त): यह एक शुभ मुहूर्त है। यह लाभ, वृद्धि और सफलता से जुड़ा है। नया व्यापार शुरू करना, निवेश करना, या ऐसे कार्य जिनसे आर्थिक लाभ की अपेक्षा हो, इस समय में करना फलदायी होता है।
अमृत (सर्वोत्तम शुभ मुहूर्त): चौघड़िया का सबसे शुभ मुहूर्त। यह अमृत के समान फलदायी होता है, सभी प्रकार के कार्यों के लिए अत्यंत उत्तम माना जाता है। कोई भी महत्वपूर्ण शुभ कार्य, जैसे गृह प्रवेश, विवाह वार्ता, या नए उद्यम की शुरुआत के लिए यह समय सर्वोत्तम है।
काल (अशुभ मुहूर्त): दोपहर 12:28 बजे से दोपहर 02:11 बजे तक, यह अशुभ मुहूर्त होता है। यह बाधाओं, विवादों और हानियों का कारण बन सकता है। इस दौरान नए कार्य शुरू करने, महत्वपूर्ण निर्णय लेने, या यात्रा करने से बचना चाहिए।
शुभ (शुभ मुहूर्त): दोपहर 02:11 बजे से दोपहर 03:54 बजे तक, यह एक शुभ मुहूर्त है। यह धार्मिक कार्यों, विवाह संबंधी चर्चाओं, शिक्षा और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए अच्छा है। पूजा-पाठ, नए रिश्ते की शुरुआत, या रचनात्मक कार्यों के लिए यह समय शुभ है।
रोग (अशुभ मुहूर्त): दोपहर 03:54 बजे से शाम 05:37 बजे तक, यह एक अशुभ मुहूर्त माना जाता है। यह रोगों और स्वास्थ्य समस्याओं से संबंधित होता है। इस दौरान किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने से बचें, खासकर स्वास्थ्य संबंधी मामलों में।
उद्वेग (अशुभ मुहूर्त): शाम 05:37 बजे से शाम 07:19 बजे तक, यह भी एक अशुभ मुहूर्त है। यह चिंता और मानसिक अशांति ला सकता है। दिन का यह अंतिम चौघड़िया है, इसमें बड़े निर्णय या जोखिम भरे कार्य न करें।
मुहूर्त का नाम | मुहूर्त का समय |
शुभ (शुभ मुहूर्त) | शाम 07:19 बजे से रात 08:36 बजे तक |
अमृत (सर्वोत्तम शुभ मुहूर्त) | रात 08:36 बजे से रात 09:53 बजे तक |
चर (मध्यम शुभ मुहूर्त) | रात 09:53 बजे से रात 11:10 बजे तक |
रोग (अशुभ मुहूर्त) | रात 11:10 बजे से मध्य रात्रि 12:27 बजे तक |
शुभ (शुभ मुहूर्त): रात का पहला शुभ मुहूर्त। धार्मिक कार्यों, पूजा-पाठ और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए अच्छा। शाम की आरती, ध्यान या परिवार के साथ धार्मिक चर्चा के लिए यह समय उत्तम है।
अमृत (सर्वोत्तम शुभ मुहूर्त): रात का सबसे शुभ मुहूर्त। सभी प्रकार के शुभ कार्यों और आध्यात्मिक उन्नति के लिए सर्वोत्तम। महत्वपूर्ण रात्रि भोज, योजना बनाने या किसी विशेष कार्य की शुरुआत के लिए यह समय बहुत अच्छा है।
चर (मध्यम शुभ मुहूर्त): यह मध्यम शुभ मुहूर्त होता है। यात्रा या गतिशील कार्यों के लिए उपयुक्त। यदि रात में यात्रा करनी हो तो इस समय को चुन सकते हैं।
रोग (अशुभ मुहूर्त): यह अशुभ मुहूर्त है। यह बीमारियां और बाधाएं ला सकता है। इस दौरान नए काम या जोखिम भरे कार्य शुरू न करें।
काल (अशुभ मुहूर्त): मध्य रात्रि 12:27 बजे से रात 01:44 बजे तक, यह भी एक अशुभ मुहूर्त है। विवादों, संघर्ष और नकारात्मकता से जुड़ा है। देर रात के इस समय में महत्वपूर्ण बातचीत या निर्णय लेने से बचें।
लाभ (शुभ मुहूर्त): रात 01:44 बजे से रात 03:01 बजे तक, यह शुभ मुहूर्त होता है। व्यापार, शिक्षा या अन्य क्षेत्रों में लाभ के लिए अच्छा है। रात में किए जाने वाले आध्यात्मिक अभ्यास या अध्ययन के लिए यह समय अच्छा है।
उद्वेग (अशुभ मुहूर्त): रात 03:01 बजे से रात 04:18 बजे तक, यह अशुभ मुहूर्त होता है। चिंता और बेचैनी बढ़ा सकता है। देर रात के इस समय में कोई भी नया कार्य शुरू न करें।
शुभ (शुभ मुहूर्त): रात 04:18 बजे से सुबह 05:36 बजे तक, रात का अंतिम शुभ मुहूर्त, जो अगले दिन के ब्रह्म मुहूर्त से जुड़ता है। धार्मिक अनुष्ठानों, ध्यान और शुभ कार्यों के लिए अच्छा। सुबह जल्दी उठकर पूजा-पाठ या योग शुरू करने के लिए यह समय उत्तम है।
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