जगतपिता नारायण ने पृथ्वी पर मनुष्यु और अपने भक्तों की रक्षा के लिए कई बार अलग-अलग अवतार लिए हैं। चलिए आज हम आपको भगवान विष्णु के कुछ विशेष अवतारों के बारे में बताते हैं।
मत्स्य
अवतार इस अवतार में भगवन विष्णु ने आधा मनुष्य और आधा मछली का स्वरूप धारण कर पृथ्वी लोक में जन्म लिया था। इस अवतार में विष्णु ने मनुष्यों और वेद पुराणों को राक्षसों के अत्याचार से बचाया था
कूर्म अवतार
यह विष्णु जी का कछुए का अवतार था। इसमें भी उनका आधा शरीर मानव का था। भगवान विष्णु ने यह अवतार तब लिया था जब समुद्र मंथन होना था। तब उन्होंने मंदार पर्वत का भार अपनी पीठ पर उठाया और तब मंथन संभव हो पाया।
वराह
अवतार वराह यानि सूअर का अवतार भगवान विष्णु जी ने तब लिया जब नरका सुर के अत्याचार से सभी देवी देवता परेशान थे। इस अवतार में भगवान विष्णु ने देवी लक्ष्मी जी का स्वरूप भू देवी से विवाह भी किया था।
नरसिंह
नरसिंह नरसिंह, आधा शेर और आधा मानव रूप धारण कर भगवान विष्णु ने राक्षस हिरण्यकशिपु के शासन को समाप्त कर दिया थे और अपने भक्त प्रह्लाद को बचाया था।
वामन
यह विष्णु जी का 5वां अवता था और इस अवतार में उन्होंने बौना ब्राह्मण का रूप धारण किया था। भगवान विष्णु जी का यह अवतार राक्षस राजा महाबली की अपार शक्ति की जांच के लिए लिए था।
राम
भगवान विष्णु का यह अवतारमर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का था। यह सूर्यवंशी राजा थे और इस अवतार में भगवान श्री राम ने राक्षस रावण का वध किया था।
कृष्णा
कृष्ण हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवता भी हैं। उन्होंने अपने अत्याचारी मामा कंस के शासन को समाप्त करने के लिए जन्म लिया था। इतना ही नहीं, महाभारत में, वह पांडव राजकुमारों के सहयोगी और सलाहकार थे और कुरुक्षेत्र युद्ध के दौरान अर्जुन के सारथी थे।
भगवान श्री विष्णु के और भी कई स्वरूप हैं, मगर ऊपर बताए गए स्वरूप सबसे प्रमुख हैं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो लाइक और शेयर करें। इस तरह की अन्य जानकारी के लिए क्लिक करें herzindagi.com