श्री कृष्ण जी ने अपने जीवन काल में अनेक रूप धारण किए थे, जिनमें से कुछ स्वरूप हम हमेशा ही स्मरण रखते हैं।
श्रीनाथ
नाथद्वारा, राजस्थान में मौजूद श्री कृष्ण के बालक स्वरूप को श्रीनाथ कहा गया। यह स्वरूप उन्हेंने वहां के राजा की पुत्री से विवाह करने के लिए धारण किया था।
केश्व
श्री कृष्ण ने वृंदावन में एक दानव स्वरूप अश्व का वध किया था और ऐसा करने के बाद श्री राधा ने उनका नाम केशव रखा था। वृंदावन में आज भी केश्व घाट इसी घटना के कारण प्रसिद्ध है।
गोपा देवी
गोपिका-वल्लभ का नाम आपने कई बार सुना होगा। इसमें गोपिका का स्वरूप श्रीकृष्ण ने धारण किया था और वल्लभ का श्री राधा ने। दोनों ने इस स्वरूप में भाग कर विवाह भी किया था।
अच्युता
जब श्री कृष्ण के पुत्रों को ऋषी संदीपनी के आश्रम में शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजा गया, तो वहां श्री कृष्ण के पुत्र सांभ के व्यवहार से सभी परेशान थे। ऐसे में अच्युता दाई का रूप धारण कर श्री कृष्ण अपने पुत्र को सबक सिखाने पहुंचे थे।
द्वारारिकाधीश
वृंदावन और मथुरा को छोड़ने के बाद श्री कृष्ण ने द्वारिका में अपनी नगरी बसाई और वहां के राजा के रूप में उन्हें द्वारिकाधीश कहा जाने लगा।
बाल कृष्ण
बाल कृष्ण श्री कृष्ण का वह स्वरूप में जिसमें उनकी लीलाएं गोकुल की गलियों और नंदगांव में यशोदा माता के साथ देखने को मिलती हैं।
श्री कृष्ण एक प्रेमी के रूप में
वृंदावन और बरसाना पहुंचने के बाद श्री राधा कृष्ण की खूबसूरत प्रेम लीलाओं के खूब चर्चे थे। श्री कृष्ण जी का यह स्वरूप श्री राधा के प्रेम में सराबोर नजर आता है।
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