हिंदू धर्म में विवाह के बाद हर स्त्री मंगलसूत्र, सिंदूर, चूड़ियां और अंगूठी आदि पहनती है। वहीं, मंगलसूत्र वैवाहिक जीवन का प्रतीक होता है। इसके बिना महिला का श्रृंगार भी अधूरा समझा जाता है। यह शादी के बाद महिलाओं के जीवन में एक खास स्थान रखता है। इसे बनाने के लिए काले मोती और सोने का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इसके पीछे क्या कारण है? आइए, जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स इसके महत्व के बारे में-
मंगलसूत्र का महत्व
मंगलसूत्र हिंदू धर्म में विवाहित स्त्रियों के लिए एक खास महत्व रखता है। यह उनके सुहाग से जोड़ा गया एक पवित्र रक्षा सूत्र माना जाता है। हर शादीशुदा महिला इसे पहनती है।
मंगलसूत्र में काले मोती क्यों होते हैं
अक्सर हमने मंगलसूत्र में काले मोती का इस्तेमाल होते हुए देखा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन मोतियों के बिना मंगलसूत्र अधूरा माना जाता है। कोले मोती को भगवान शिव का प्रतीक समझा जाता है।
मंगलसूत्र में सोने का महत्व
हिंदू मान्यताओं के अनुसार मंगलसूत्र में इस्तेमाल होने वाला सोना देवी पार्वती को दर्शाता है। वहीं भगवान शिव और पार्वती के बीच के बंधन को सोने और काले मोती के रूप में दर्शाया जाता है।
भगवान का आर्शीवाद मिलता है
मंगलसूत्र पहनने से भगवान शिव और माता पार्वती का आर्शीवाद मिलता है। इससे राहु ग्रह के दुष्प्रभाव भी कम होते हैं और वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है।
सुख समृद्धि लेकर आए
ज्योतिष के अनुसार मंगलसूत्र वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि लाता है। इसमें मौजूद सोना गुरु को दर्शाता है। यह वैवाहिक जीवन में खुशियां लाता है।
पति पत्नी को बुरी शक्तियों से बचाए
सोने और काले मोतियों से बने मंगलसूत्र से पति पत्नी को बुरी नजर नहीं लगती है। माना जाता है कि इसे रोज पहनने से पति और पत्नी का रिश्ता हर बुरी नजर से दूर रहता है।
सकारात्मकता लेकर आता है
मंगलसूत्र को पहनने से वैवाहिक स्त्री के जीवन में हर तरह की नकारात्मकता दूर रहती है। साथ ही यह शादीशुदा जीवन में एक सकारात्मकता लाता है।
वैवाहिक जीवन में मंगलसूत्र का एक महिला के जीवन में विशेष स्थान होता है। स्टोरी अच्छी लगी है, तो शेयर करें। ऐसी अन्य जानकारी के लिए क्लिक करें herzindagi.com पर।