Women Safety: महिला सुरक्षा के 10 कानूनी अधिकार


Smriti Kiran
03-09-2024, 17:58 IST
www.herzindagi.com

    आज महिलाएं किसी से कम नहीं हैं, लेकिन उनके खिलाफ बढ़ती घटनाएं देश को सोचने पर मजबूर करती है। घरेलू हिंसा, लिंग भेद और महिला उत्पीड़न के मामले हर दिन बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में हर महिला को अपने अधिकार के बारे में जानना जरूरी है, जो भारत की सरकार ने हर भारतीय महिलाओं को दिया है। आइए जानें महिलाओं से जुड़े 10 कानूनी अधिकार-

घरेलू हिंसा के खिलाफ

    अधिकार संविधान की धारा 498 के तहत एक पत्नी, महिला, लिव-इन पार्टनर या घर में रहने वाली अन्य महिला को घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार मिला है।

दहेज निषेध अधिनियम, 1961

    इस कानून के अनुसार महिला दहेज उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करा सकती है और दहेज के खिलाफ आवाज उठा सकती है।

भारतीय तलाक अधिनियम, 1969

    इस अधिनियम के तहत एक स्त्री ही नहीं बल्कि पुरुष भी अपने विवाह को तोड़ सकते हैं। ऐसे मामलों के लिए पारिवारिक न्यायालय बनाए गए हैं।

कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ उत्पीड़न

    इस कानून के तहत वर्किंग प्लेस पर महिलाओं के साथ शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न होने पर महिला शिकायत दर्ज कर सकती है।

समान मेहनताना का अधिकार, 1976

    इस अधिनियम के तहत काम के लिए महिला और पुरुष दोनों को मेहनताना भी एक जैसा मिलना चाहिए। इसमें भदभाव होने पर शिकायत दर्ज की जा सकती है।

महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1986

    इस अधिनियम के तहत किसी विज्ञापन, प्रकाशन, लेखन, चित्र, आकृति आदि अन्य तरीके से महिलाओं के अशोभनीय प्रतिनिधित्व पर रोक लगाता है।

रात में गिरफ्तार न करने का अधिकार

    सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक किसी भी महिला को सूरज ढलने के बाद और सूर्योदय से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। इस बात की जानकारी हर महिला को होनी चाहिए।

महिला का पीछा नहीं कर सकते

    किसी महिला का पीछे करना, बार-बार मना करने के बावजूद संपर्क करने की कोशिश करना, इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन, जैसे-इंटरनेट, ईमेल के जरिए मॉनिटर करने की कोशिश करना अपराध हो सकता है। ऐसा होने पर एक महिला आईपीसी की धारा 354D के तहत कानूनी प्रक्रिया का सहारा ले सकती है।

राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम

    भारतीय सरकार ने राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम के तहत राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की स्थापना की। कोई भी महिला अपनी परेशानी के तहत यहां शिकायत दर्ज करा सकती है। इस अधिनियम आयोग का उद्देश्य महिलाओं की स्थिति में सुधार करना है और उनके आर्थिक सशक्तिकरण के लिए काम करना है।

महिला सुरक्षा कानून

    महिला सुरक्षा कानून महिला से जुड़े यौन उत्पीड़न के मामले में अपराधी के 18 साल से कम होने पर माइनर केस माना जाता था, लेकिन अब इस मामले में 16, 18 साल के अपराधी पर भी सख्त कानूनी कारवाई होगी।

गरिमा और शालीनता का अधिकार

    इस अधिकार के तहत, किसी मामले में अगर महिला आरोपी है और उसके साथ कोई मेडिकल परीक्षण हो रहा है, तो यह काम किसी दूसरी अन्य महिला की मौजूदगी में ही होना चाहिए। अकेले कोई पुरुष इस परिक्षण को नहीं कर सकता है।

    आप भी महिलाओं से जुड़े ये कानूनी अधिकार के बारे में जरूर जानें और इसे अन्य महिला दोस्तों को शेयर करें। ऐसी अन्य जानकारी के लिए क्लिक करें herzindagi.com