By Pooja Sinha05 Feb 2018, 17:19 IST
मां बनना किसी भी महिला के लिए एक सुखद एहसास होता है। मां बनने वाली महिला में मां बनने को लेकर बहुत उत्सुकता होती है और जो महिला कंसीव करने की कोशिश कर रही है उनके लिए पीरियड्स का मिस होना प्रेग्नेंसी का लक्षण हो सकता है। लेकिन पीरियड्स ना आना प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण हो, यह जरूरी नहीं है।
वैसे तो प्रेग्नेंसी टेस्ट करने के लिए बाजार में कई तरह के विकल्प मौजूद हैं लेकिन गर्भधारण करने के साथ ही महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव शुरू हो जाते हैं।
आप चाहें तो इन शुरुआती लक्षणों से जान सकती हैं कि आप गर्भवती हैं या नहीं। ये बताना जरूरी है कि ये सिर्फ लक्षण हैं। हो सकता है कि जो लक्षण दिखाई दे रहे हैं वो किसी दूसरी वजह से भी हो। तो आइए इस वीडियो के माध्यम से गर्भावस्था से जुड़े कुछ शुरुआती लक्षणों के बारे में जानते हैं।
Pregnancy के दौरान किडनी में ब्लड सर्कुलेशन तेज होने लगता है। और ब्लैडर में यूरीन जल्दी भर जाता है। जिसके कारण यूरीन बार-बार करने की समस्या आ सकती है। यानी ब्लैडर गर्भावस्था के कारण होने वाले बॉडी के परिवर्तनों से प्रतिक्रिया करने लगता है और आपको बाथरूम में अधिक बार जाने की आवश्यकता हो सकती है, भले ही आपने ज्यादा लिक्विड का सेवन किया हो या नहीं।
गर्भधारण के दौरान ब्रेस्ट छूने पर अत्यधिक संवेदनशील लग सकते हैं। इस दौरान ब्रेस्ट में हल्का, दर्द, सूजन और भारीपन महसूस होता है। ऐसा एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स के लेवल में परिवर्तन के कारण होता है। यह ठीक वैसा ही अनुभव है जैसा पीरियड्स शुरु होने से पहले महसूस होता है। इसके अलावा ब्रेस्ट के आकार में परिवर्तन, निपल्स के आसपास के हिस्से में ज्यादा कालापन आदि भी गर्भावस्था के लक्षण हैं।
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गर्भावस्था के दौरान सूंघने की क्षमता बढ़ जाती है। प्रेग्नेंसी में ब्लड में एक्ट्रोजन और प्रोजेस्टोरोन की मात्रा बढ़ जाने के कारण ऐसा होता है। ऐसे में किसी भी तेज गंध वाली चीजों और सामान आदि से दूर रहें। गंध की वजह से आपको उल्टी भी हो सकती है। हमेशा अच्छी खुशबू वाले परफ्यूम का इस्तेमाल करें।
गर्भ ठहरने के बाद पीरियड्स का आना रुक जाता है। गर्भावस्था में पीरियडस ना आना इसके प्रारंभिक संभावित संकेतों में से एक है जिसके बारे में ज्यादातर महिलाओं को जानकारी होती ही हैं। अगर आपके पीरियड्स रेगुलर आते है लेकिन इस बार देर हो रही है तो पीरियड्स ना आने के 1 हफ्ते बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट करना सही माना जाता है।
जिसके कारण बॉडी में हार्मोंन का स्तर तेजी से बढ़ता है। बढ़ा हुआ हार्मोन का स्तर आपके स्वभाव को भी प्रभावित करता है। जी हां अगर आपका मिजाज आजकल बदला-बदला सा रहता है। पल भर पहले कुछ और काम करने का मन, कुछ देर बाद ही कुछ और काम करने का मन करने लगता है तो अपने मूड स्विंग के बारे बताएं ताकी स्थिति का सामना करने में हेल्प मिल सके।
जैसे ही आप गर्भधारण करती हैं, आपकी बॉडी को बहुत सारे परिवर्तनों से गुजरना पड़ता है। प्रोजेस्टेरोन के बढ़ते स्तर से आपको आसानी से थकान महसूस हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान blood pressure और blood sugar का low level भी आपको बहुत थका हुआ महसूस करा सकता है।
इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देने पर प्रेग्नेंसी टेस्ट करने की सलाह दी जाती है।
Producer: Rohit Chavan
Editor: Anand Sarpate