प्राइड मंथ लोग एक बड़े उत्सव के रूप में मनाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं इसे जून में ही क्यो मनाया जाता है? आइए जानें इसके पीछे का कारण-
प्राइड मंथ
साल 1969 में जून के महीने में मैनहट्टन पुलिस ने समलैंगिक समुदाय पर छापेमारी शुरू की थी। पुलिस ने इनके साथ मारपीट और कई समलैंगिक लोगों को गिरफ्तार किया था।
1970 का आंदोलन
इनके पास उस समय कानूनी अधिकार न होने के बावजूद इस कम्यूनिटी ने पुलिस के अत्याचार का जवाब दिया था। यह प्रतिशोध एक प्रतीक बन गया, जो साल 1970 में बड़े आंदोलन के रूप में सामने आया।
1969 में हुई हिंसा
साल 1969 में जून के महीने में हुई इस हिंसा की याद में ही हर साल जून का पूरा महीना प्राइड मंथ को समर्पित है।
लोगों ने गंवाई जान
इस दौरान LGBTIQA+ समुदाय के उन लोगों को याद किया जाता है, जिन्होंने एचआईवी या फिर हेट क्राइम के चलते अपनी जान गंवा दी।
अमेरिका से हुई शुरुआत
इस प्राइड मंथ की शुरुआत अमेरिका से हुई थी। हिसंक घटना के एक साल बाद इसे 1970 में मनाया गया था। वहीं, अब कई देश में इसे उत्सव के रूप में मनाते हैं।
आधिकारिक घोषणा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने साल 2000 में पहली बार प्राइड मंथ की आधिकारिक घोषणा की थी।
जागरुकता
इस परेड में लोग सड़कों पर झंडे लेकर निकलते हैं। इस दौरान LGBTIQA+ को लेकर जागरुकता भी फैलाई जाती है।
इस पूरे महीने लोग LGBTIQA+ के समर्थन में बाहर निकलते हैं। स्टोरी अच्छी लगी हो तो लाइक और शेयर करें। अन्य जानकारी के लिए यहां क्लिक करें herzindagi.com