हिंदू धर्म में मां शीतला की पूजा का खास महत्व है, और हर साल शीतला अष्टमी का त्यौहार बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। इस त्यौहार को बासोड़ा के नाम से भी जाना जाता है।
शीतला अष्टमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
यह त्यौहार होली के आठ दिन बाद मनाया जाता है, और इस दिन माता शीतला को ठंडा भोग अर्पित किया जाता है। आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉक्टर आरती दहिया जी कि शीतला अष्टमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए।
चूल्हा नहीं जलाना चाहिए
शीतला अष्टमी के दिन चूल्हा नहीं जलाना चाहिए, और इस दिन बासी भोजन का सेवन करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, भोग भी बासी भोजन से ही अर्पित किया जाता है।
एक रात पहले ही भोजन तैयार करें
शीतला अष्टमी के दिन एक रात पहले ही भोजन तैयार करना चाहिए। ऐसा करने से न केवल रोग दूर होते हैं, बल्कि मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
खसरा की बीमारी से बचाव
ऐसा माना जाता है कि शीतला अष्टमी के दिन बासी भोजन करने से चेचक, खसरा और बड़ी माता जैसी बीमारियों से बचाव होता है।
मीठी और बासी चीजों का भोग
इस दिन माता को प्रसन्न करने के लिए मीठी और बासी चीजों का भोग अर्पित किया जाता है। माना जाता है कि साल में एक दिन बासी भोजन करने से पाचन क्रिया सही रहती है और स्वास्थ्य में भी लाभ होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है मजबूत
इस दिन बासी भोजन का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। यह परंपरा भी हमारी संस्कृति का एक हिस्सा है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है।
इस दिन बासी भोजन का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। इस तरह की अन्य जानकारी के लिए क्लिक करें herzindagi.com