देश में एक ऐसा मंदिर भी मौजूद है, जिसे तांत्रिक यूनिवर्सिटी कहा जाता है। लोग इस मंदिर में तंत्र-मंत्र सीखने के लिए आते हैं। आइए आज आपको विस्तार से बताते हैं ऐसे ही एक मंदिर के बारे में-
चौसठ योगिनी मंदिर
मध्य प्रदेश के मुरैना में स्थित चौसठ योगिनी मंदिर सबसे प्रमुख और प्राचीन है। कहा जाता है यह मंदिर तंत्र-मंत्र के लिए काफी प्रसिद्ध था, इसलिए इस मंदिर को तांत्रिक यूनिवर्सिटी भी कहा जाता है।
हर कमरे में भव्य शिवलिंग
इस मंदिर में लोग देश-विदेश से तंत्र-मंत्र सीखने आते थे। मंदिर के भीतर 64 कमरे हैं और इन सभी 64 कमरों में भगवान शिव की भव्य शिवलिंग स्थापित है।
कैसी है संरचना
इस मंदिर तक पहुंचने के लिए तकरीबन 200 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। यह मंदिर वृत्तीय आधार पर निर्मित और इसके मध्य में एक मंडप खुला हुआ है, जिसमें भगवान शिव की भव्य शिवलिंग स्थापित है।
देवी योगिनी की मूर्तियां
यहां शिवलिंग के साथ ही देवी योगिनी की भी मूर्तियां स्थापित थीं, लेकिन कुछ मूर्तियां चोरी हो गईं, जिसकी वजह से अब मूर्तियों को दिल्ली के संग्राहलय में रखा गया है।
क्षत्रिय राजाओं ने बनवाया
यह मंदिर 101 खंभों पर टिका हुआ है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने मंदिर को प्राचीन ऐतिहसिक स्मारक घोषित किया है। कहा जाता है इस मंदिर का निर्माण 1323 ई में हुआ था, जिसे क्षत्रिय राजाओं ने बनवाया था।
आज भी होती है तंत्र साधना
लोगों का मानना है कि यह मंदिर आज भी शिव की तंत्र साधना के कवच से ढका हुआ है। इस मंदिर में या इसके आस पास रात में रुकने की इजाजत नहीं है।
आदिशक्ति काली की अवतार
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह सभी चौसठ योगिनी माता आदिशक्ति काली की अवतार हैं।
क्या आपको इस मंदिर के बारे में पहले से पता था। स्टोरी अच्छी लगी हो तो लाइक और शेयर करें। अन्य जानकारी के लिए यहां क्लिक करें herzindagi.com