इस साल 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले अनेक तीज त्योहारों की तरह इसका भी अपना महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की निद्रा (चातुर्मास) से जागते हैं, जिसके बाद विवाह सहित सभी शुभ कामों की शुरूआत हो जाती है। वहीं, इस दिन सच्चे मन से पूजा करने से समृद्धि और पापों से मुक्ति भी मिलती है। तो अगर आप भी इस साल Devuthani Ekadashi पर व्रत रखकर पूजा करने की सोच रहे हैं तो हम आपको कुछ जरूरी सामग्री की सूची बताने जा रहे हैं जिनके साथ पूरा विधी-विधान से पूजन किया जा सकता है।
Devuthani Ekadashi की पूजा के लिए जरूरी सामग्री की सूची
Devuthani Ekadashi 2025: इस साल 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी। यह पूजा भगवान विष्णु के चार महीने की निद्रा से जागने का प्रतीक है और अगर आपको इस दिन व्रत और पूजा करनी है तो जरूरी सामान की सूची पर डालिए एक नजर।
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देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, जिसके लिए यह मूर्ति सही हो सकती है। 25L x 20W x 64H मिलीमीटर साइज वाली इस मूर्ति को तांबे से बनाया गया है और इसका ऐंटीक फिनिश इसे काफी भव्य रूप दे रहा है। इसे पूजा के बाद घर के मंदिर में भी आसानी से स्थापित किया जा सकता है। 50 ग्राम वजन वाली इस मूर्ति को जटिल नक्काशी और बारीक विवरण के साथ डिजाइन किया गया है, जो सदियों पुरानी शिल्प कौशल और भक्ति को दर्शाता है।
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Shubhkart Nitya Kuber Goblet Brass Table Diya
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बिना दिये के कोई भी पूजा व अनुष्ठान अधूरा है। ब्रास मटेरियल से बना यह दिया गोल्डन कलर में आता है, जो आसानी से खराब भी नहीं होगा। इसके ऊपर एक सुंदर सा कवर भी दिया गया है, जिस वजह से यह आसानी से बुझेगा नहीं और इसकी चमक भी बनी रहेगी। इसे बाती और घी या तेल दोनों के ही साथ प्रज्वलित किया जा सकता है।
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Nirmalaya Premium Lavender Bamboo-Less Dhoop Sticks
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Devuthani Ekadashi की पूजा में अगरबत्ति या धूब का होना भी जरूरी होता है। शुद्ध जड़ी-बूटियों से बनी और प्राकृतिक लैवेंडर एसेंशियल ऑयल से युक्त, ये धूप बत्तियां हानिकारक रसायनों और विषाक्त पदार्थों से मुक्त हैं। पूजा के दौरान आप आदर्श, स्वच्छ और मनमोहक सुगंध का आनंद ले सकेंगे। यह पर्यावरण-अनुकूल धूपबत्ती चारकोल और हानिकारक रसायनों से पूरी तरह मुक्त हैं, जिससे ये रोज़ाना इस्तेमाल के लिए सुरक्षित हैं। प्रत्येक धूपबत्ती 25 मिनट तक जलती है और आपके घर को दिव्य सुगंध से भर देती है। हर बॉक्स में 40 हाथ से बनी धूपबत्ती और आसान उपयोग के लिए एक सिरेमिक स्टैंड दिया गया है।
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AMRUTAM 100% Herbal Pure Original Chandan, Sandalwood
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पूजा में चंदन का भी खास महत्व होता है जिसके लिए यह काफी अच्छा विकल्प हो सकता है। इस पेस्ट में चंदन, केसर और गुलाब के इत्र के गुण मौजूद हैं। यह शक्तिशाली मिश्रण तंत्रिका को शांत करता है और शरीर के छोटे चक्रों को फिर से सक्रिय कर सकता है। इसका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-पाठ के दौरान भी किया जा सकता है। इसमें केसर और गुलाब को फूलों की खुशबू के साथ मिलाया गया है; जिससे समृद्ध, मिट्टी जैसी चंदन की सुगंध मिलती है। इसे लगाने के बाद दिमाग को ठंडक भी मिलेगी।
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किसी भी पूजा में भगवान को मिठाई का भोग लगाया जाता है, और देवउठनी एकादशी में भी यह जरूरी होता है। इसके लिए हल्दीराम के ये पेड़े सही हो सकते हैं। इस डिब्बे में आपको केसर, राजस्थानी और मथुरा के पेड़े मिलेंगे। 500 ग्राम वाले इस बॉक्स को काफी सफाई से पैक किया गया है और इनकी शेल्फ लाइफ 30 दिनों की है। हाई क्वालिटी इंग्रीडियंट्स से बने ये पेड़े प्रसाद के रूप में भगवान को चढ़ाए जा सकते हैं।
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Faq's
- इस साल देवउठनी एकादशी कब है?+अगर हम बात करें Devuthani Ekadashi 2025 डेट की तो यह 1 नवंबर को पड़ने वाली है। इस साल कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि 1 नवंबर को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 2 नवंबर को सुबह 7 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए देवउठनी एकादशी 1 नवंबर को ही मान्य है।
- देवउठनी एकादशी में किस भगवान की पूजा की जाती है?+देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु का विधिवत पूजन और व्रत रखने का विधान है। साथ ही मां लक्ष्मी और तुलसी के पौधे की पूजा करने से भी विशेष पुण्य प्राप्त होता है। भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए तुलसी के बिना वे किसी भी भोग को स्वीकार नहीं करते।
- देवउठनी एकदाशी की पूजा के लिए जरूरी चीजें क्या होंगी?+देवउठनी एकादशी की पूजा के लिए भगवान विष्णु की मूर्ति, चंदन, दिया, धूब बत्ति, प्रसाद, तुलसी, गंगाजल और फूलों की जरूरत होगी।