मैं निशा पिछले साल ऑफिस से परेशान होकर कुछ दिनों के लिए भीतमाल की सैर पर निकल पड़ी। मैनें हमेशा से ही इन जगहों की खूबसूरती के बारे में सुना था, लेकिन वहां जाकर पता चला कि असली सुकून किसे कहते हैं।
हम दिल्ली से अपनी गाड़ी से निकल पड़े। मेरे साथ मेरे दो दोस्त भी थे। जिस दिन हम निकले उसके अगले दिल गांधी जयंती थी। ऐसे में रात को अचानक से पुलिस वाले में हमारी गाड़ी रोकी और चैकिंग की। इसके बाद उन्हें गाड़ी में अल्कोहल की बोतल मिल गई, जिसे देख उन्होंने हमें इसे ले जाने से मना किया। मेरे दोस्तों ने बोतल को बचाने के लिए अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन उन्हें मिली तो केवल ज्ञान की बातें। इसके बाद दोनों दोस्तों के बीच झगड़ग शुरू हो गया,इस बीच मैं खुश थी क्योंकि मैनें अपनी वाइन की बोतल बैग में छुपाकर रखी थी।
हम बीच में रास्ते भटक भी गए थे, लेकिन जैसे ही हम भीतमाल की सड़कों पर पहुंचें यकीन मानिए मैनें जीवन में पहली बार शांति और सुकून का एहसास किया था। इस ट्रिप की खास बात यह है कि मैं कभी भी बेस्वाद खाना नहीं खा सकती हूं। भले ही मैं भूखी रह जाऊं। ऐसे में हम जहां ठहरे थे, वहां मुझे मेरी मन पसंद का खाना टेस्टी खाना मिला। यह तो कुछ भी नहीं था, मैं खुद उत्तराखंड की हूं और मैं चाय पिए बगैर नहीं रह सकती हूं। इसलिए मुझे दिन की कम से कम 2 टाइम चाय चाहिए। इससे ज्यादा मिले तो मैं परहेज नहीं करती हूं।
वहां मुझे सुबह शाम समय पर चाय भी पीने को मिली। मेरी आदत है जब मैं घूमने जाती हूं तो मैं सुबह जल्दी उठ जाती हूं, ताकि मैं सुबह का नजारा देख सकूं। भीमताल की धुंध में छुपे पहाड़ और झील ने मेरे मन को खुश कर दिया था। भीतमाल में मैनें 2 दिन बिताएं और मैं बेहद खुश थी।
इसके बाद 4 अक्टूबर की सुबह हम नैनीताल के लिए निकल गए। मैनें बचपन से ही नैना देवी मंदिर का नाम और उनसे जुड़े कहानियां सुनी थी। मैं पहले दिन से ही अपने दोस्तों के पीछे पड़ी थी कि मैं बिना मंदिर जाए यहां से दिल्ली वापस नहीं जाऊंगी। ऐसे में हम नैना देवी पहुंच गए। इस ट्रिप की दूसरी खास बात यह है कि मैं अपनी उस समय की जॉब से काफी परेशान थी और मंदिर में जाकर मैनें चुन्नी बांधकर भगवान से मांगा था कि मेरी अच्छी जगह नौकरी लगा दें। इसके करीब 10 दिन बाद मुझे एक जानी-मानी कंपनी से कॉल आया। यह बात केवल कॉल तक ही सीमित नहीं हुई बल्कि यहां मेरी अच्छी सैलरी पर नौकरी भी लगी। तो भला बताइए हुई ना मेरी यह सबसे अच्छी ट्रिप।
मैं दोबारा भीमताल जाना चाहूंगी, क्योंकि भीतमाल मुझे सबसे ज्यादा पसंद आया। इस जगह की खूबसूरती से लेकर लोगों के प्यार ने मुझे एहसास दिलाया कि पल हमेशा याद आते हैं। दूसरी बात मैं नैनीताल भी दोबारा जाऊंगी ताकि मेरी कहीं और डबल सैलरी पर जॉब लग जाए। हां आपको मैं मतलबी लग रही होंगी, लेकिन अपने लिए सोचना कोई बुरी बात नहीं है।
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