हर साल भारत में 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। देश की बेटियां आज के समय में हर क्षेत्र में अपना नाम रौशन कर रही हैं। लेकिन भारत में बेटियों के जन्म पर लोग आज भी दुखी हो जाते हैं। बेटियों और बेटों में भेदभाव को आज भी हमारे समाज में देखा जा सकता है।
हमारे देश की आजादी के बाद से ही भारत सरकार ने बेटियों को देश के प्रथम पायदान पर लाने की पूरी कोशिश की है। इसी उद्देश्य से राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाए जाने की शुरुआत हुई।
देश की बेटियों को सशक्त बनाने के लिए जागरूकता बढ़ाने वाले इस खास दिन को 24 जनवरी को मनाने की भी खास वजह है। तो चलिए जानते हैं आखिर क्यों 24 जनवरी को ही राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाते हैं।
24 जनवरी को क्यों होता है राष्ट्रीय बालिका दिवस?
आपको बता दें कि हर साल 24 जनवरी को बालिका दिवस के तौर पर मनाने की एक खास वजह है। यह वजह भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जुड़ी हुई है। साल 1966 में इंदिरा गांधी ने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी।(International Day Of Happiness: इन आसान तरीकों को अपनाकर अपनी लाइफ में लाएं खुशियां)
भारत के इतिहास और महिलाओं के सशक्तिकरण में 24 जनवरी का दिन महत्वपूर्ण है। आपको बता दें कि यह दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य देश की बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है।
कार्यक्रमों का आयोजन
समाज में बालिकाओं के साथ होने वाले भेदभाव के बारे में देश की बेटियों के साथ ही सभी लोगों को जागरूक करना भी इस दिवस का उद्देश्य माना जाता है। इस दिन हर साल राज्य सरकारें अपने अपने प्रदेश में जागरूक कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं।
आपको बता दें कि पिछले साल यानी साल 2022 में राष्ट्रीय बालिका दिवस और आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर राष्ट्रीय बाल पुरस्कार आयोजित करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न क्षेत्रों की छात्राओं से वर्चुअल मीट करके बातचीत भी की थी।
इसके अलावा अलग-अलग राज्य के द्वारा और कई राजनीति दलों ने कई सारे बालिका दिवस पर आयोजन किए थे जिसमें कई बालिकाओं ने भाग भी लिया था। इस साल भी कई सारे आयोजन होंगे ताकि देश की बेटियों को प्रोत्साहित किया जा सके।
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इस साल की थीम
आपको बता दें कि साल 2021 में राष्ट्रीय बालिका दिवस 'डिजिटल पीढ़ी, हमारी पीढ़ी' की थीम पर मनाया गया। इसके अलावा साल 2019 में इसकी थीम 'उज्जवल कल के लिए लड़कियों का सशक्तीकरण' थी और साल 2023 में थीम क्या होगी अभी इसके बारे में सरकार ने स्पष्ट रूप से जानकारी नहीं दी है।
बालिकाओं के हित के लिए प्रयास
देश में बालिकाओं को बराबरी का हक देने समाज में भारत सरकार द्वारा भी विभिन्न स्कीम और योजनाओं को शुरू किया गया है। आपको बता दें कि बालिकाओं के हितों के लिए सरकार द्वारा 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना को भी इसके अंतर्गत संचालित किया जा रहा है जिसे भारत सरकार के द्वारा 22 जनवरी साल 2015 को लांच किया गया था।
भ्रूण हत्या, बालिकाओं के जन्म को लेकर फैले अन्धविश्वास एवं लड़कियों को लड़कों के मुकाबले कमतर आंकना एवं उन्हें विभिन्न क्षेत्र में बराबरी के हक से वंचित रखने जैसे मुद्दों को इस दिवस के माध्यम से उठाया जाता है।
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