अगर आपके 2 या उससे ज्यादा बच्चे हैं, तो संभावना है कि वे आपस में खूब लड़ते होंगे। अक्सर उनकी लड़ाई में आपको रेफरी बनकर बीच-बचाव करने की आवश्यकता होती होगी। भाई-बहनों के बीच चाहे कितना ही अच्छा बॉन्ड है, लेकिन किसी न किसी चीज को लेकर उनके बीच झगड़े तो होते ही रहते हैं। कई बार उनके झगड़ों से आप भी बार-बार परेशान रहते होंगे।
अगर आप थोड़े धैर्य के साथ चीजों को देखें तो संभव है कि आप ऐसी स्थितियों को रोक सकते हैं। क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. भावना बर्मी से बात करने पर उन्होंने बताया, 'जब आप बच्चों के बीच के बॉन्ड को जल्दी स्थापित करते हैं और उन्हें आपसी झगड़े को मैनेज करना सिखाया जाता है, तो बच्चों की बीच के लड़ाई-झगड़े को रोका जा सकता है।'
इसके अलावा ऐसे अन्य कई टिप्स हैं जिनकी मदद से बच्चों के आपसी जगड़े को सुलझाया जा सकता है। आइए एक्सपर्ट द्वारा बताए गए उन टिप्स के बारे में जानें।
बच्चों को कॉन्फ्लिक्ट को पॉजिटिव मैनर में लेना सिखाएं
जब आप अपने बच्चे को रचनात्मक तरीके से असहमति का प्रबंधन करना सिखाते हैं, तो ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती है। अपने बच्चों को किसी भी तरह के कॉन्फ्लिक्ट को पहले पॉजिटिव मैनर में लेना सिखाएं। अपने भाइयों और बहनों के साथ विवादों को कैसे संभालना है, यह सीखने से बच्चों को एडल्ट्स के रूप में विकसित होने में मदद मिलेगी। इस तरह से वह आपसी झगड़े में नहीं पड़ेंगे और खुद ही मतभेदों को सुलझाने में कुशल रूप से प्रबंधित करने में बेहतर होंगे।
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बच्चों को प्यार से समझाएं
अगर आपके बच्चे झगड़ रहे हैं तो उन्हें डांटने या मारने के बजाए प्यार से समझाने की कोशिश करें। उन्हें बताएं कि उनकी आपसी बॉन्डिंग पूरे परिवार के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। अपने बच्चों को समझाएं कि आपका परिवार एक टीम की तरह है। और किसी भी अच्छी टीम की तरह, मां-बाप और बच्चों को एक शांतिपूर्ण और प्यारभरे वातावरण को घर में बनाए रखना जरूरी है। वहीं परिवार के सदस्यों के बीच कोई भी लड़ाई पूरी टीम या परिवार को आहत कर सकती है (बच्चों की गैंड पैरेंट्स के साथ अच्छी बॉन्डिंग के टिप्स)।
बच्चों के आगे आप भी न झगड़ें
एक बात आपको समझनी चाहिए वो यह है कि बच्चे अपने बड़ों से ही सब कुछ सीखते हैं। आप अपने बच्चों के सामने जैसा व्यवहार करेंगे, वैसा ही वो सीखेंगे और एडॉप्ट करेंगे। इसलिए आपको अपने बच्चों के सामने लड़ाई-झगड़ा कभी नहीं करना चाहिए। इसे अपने घर का एक रूल बना लें। अगर आप और आपके पार्टनर के बीच किसी तरह का मनमुटाव है तो उसे बच्चों के सामने न दर्शाएं। ऐसे में बच्चे आपसे सीखकर उसे एक-दूसरे के साथ करने की कोशिश करेंगे।
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हर झगड़े के बाद उन्हें प्यार से रहना सिखाएं
अक्सर बच्चे झगड़े में एक-दूसरे को उल्टे-सीधे नामों से पुकारते हैं। एक-दूसरे के साथ गलत व्यवहार करते हैं। ये चीजें बच्चे अक्सर गुस्से में करते हैं और उन्हें यही बात आपको समझानी के कि गुस्से में अपने भाई और बहन को हर्ट करना अच्छी बात नहीं है। वहीं अगर आपके बच्चे एक-दूसरे से लड़ते हैं, तो उस झगड़े के बाद दोनों को बैठाकर एक-दूसरे की बात सुनवाएं और उन्हें एक-दूसरे से सॉरी बोलने के भी कहें। कुछ देर के गुस्से में वे अपना बॉन्ड न खराब करें, इसके लिए उन्हें आपस में हैंडशेक करवाएं और एक-दूसरे को गले लगाने के लिए कहें।
अब अगर आपके बच्चों के बीच भी अक्सर घमासान चलता रहता है, तो ऐसे उससे निपटने की कोशिश करें। हमें उम्मीद है ये टिप्स आपके काम जरूर आएंगे (जानें ये पैरेंटिंग मिस्टेक्स)।
आप अपने बच्चों के झगड़े को सुलझाने के लिए क्या करते हैं, हमें कमेंट कर बताएं। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई तो इसे लाइक और शेयर करें। ऐसे अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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