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    कभी हाथों से पेंट किए जाते थे मूवी पोस्टर्स, जानें टॉप 10 'हैंड-पेंटेड' मूवी पोस्टर्स के बारे में

    आज तो फिल्मों के पोस्टर्स कंप्यूटर द्वारा तमाम एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से बनाए जाते हैं,मगर एक समय था जब इन्हें पूरी शिद्दत से हाथों से बनाया जाता था।  
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    Published - 10 Jan 2022, 19:21 ISTUpdated - 10 Jan 2022, 19:49 IST
    top hand painted bollywood movie posters

    जब फिल्मों की पब्लिसिटी की बात होती है, तो उसमें तमाम पहलू देखे जाते हैं। कई चीजों के साथ फिल्मों के पोस्टर्स भी बड़े महत्वपूर्ण होते हैं। कहा जाता है एक फिल्म की सफलता का आधार कई प्रतिशत तक उसके पोस्टर पर भी निर्भर करता है। आज तो ऐसा समय है जब पोस्टर को बड़ी और अच्छी तकनीकों के साथ चमका कर और एडिटिंग सॉफ्टवेयर के साथ मनाया जाता है, लेकिन भारतीय सिनेमा के इतिहास में ऐसा भी हुआ जब फिल्मों के पोस्टर को हाथों से बनाया जाता था।

    पोस्टर बनाने में पूरी जान लगाई जाती थी और यही कारण था कि तब उन पोस्टर्स की बात ही इतनी अलग होती थी कि उन्हें सहज कर रखा जाता था। कुछ सौ साल पहले की बात करें तो जब धुंडीराज गोविंद फाल्के ने अपनी फिल्म राजा हरिश्चंद्र की पहली सार्वजनिक स्क्रीनिंग का आयोजन किया, तो प्रचार पोस्टरों पर कोई चित्र नहीं था, लेकिन यह जल्द ही बदल गया। आज हम आपको भारतीय सिनेमा की उन बेहतरीन फिल्मों के बारे में बताएंगे, जिनके पोस्टर्स को हाथों से बनाया गया था। 

    1फिल्म बरसात (1949)

    film barsat

    राज कपूर और नरगिस से जुड़े इस फिल्म का एक प्रतिष्ठित दृश्य राज कपूर की प्रोडक्शन कंपनी (आरके स्टूडियो) के लोगो के लिए प्रेरणा बन गया था। 

    2फिल्म आवारा (1951)

    film awara

    आवारा पहली फिल्म थी जिसकी शूटिंग आर.के. स्टूडियो में हुई थी। राज कपूर ने तीन कपूर पीढ़ियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपने दादा बशेश्वरनाथ नाथ को अपनी फिल्म आवारा में रखने का फैसला किया। यह फिल्म रूस में बहुत प्रसिद्ध हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि 'बरसात', 'आवारा' और 'श्री 420' को रंगीन किया जाना था, लेकिन कपूर ब्रदर्स ने फिल्म को वैसे ही छोड़ दिया जैसा शोमैन ने बनाया था।

    3फिल्म आन (1952)

    film aan

    यह एक एडवेंचर फिल्म थी, जिसे महबूब खान ने बनाया था। इतना ही नहीं यह भारत की पहली टेक्नीकलर फिल्म थी, क्योंकि इसे 16 मिमी गेवाकलर में शूट किया गया था। इसमें दिलीप कुमार, प्रेमनाथ और निम्मी जैसे दिग्गज कलाकारों ने अभिनय किया था और नादिरा ने अपने करियर की शुरुआत की थी। यह उस समय की सबसे महंगी भारतीय फिल्म थी। इसके साथ ही सबसे खास था फिल्म का रंगीन पोस्टर, जिसमें डेब्यू करने वाली नादिरा की तस्वीर को फिल्म में शामिल दिग्गज कलाकार दिलीप कुमार से ज्यादा जगह मिली थी।

    4फिल्म आराधना (1969)

    film aradhana

    एक्टर्स राजेश खन्ना और शर्मिला टेगौर की हिट फिल्म 'आराधना' का शीर्षक पहले  'वंदना' रखा गया था, लेकिन बाद में इसे बदला गया। पहली बार शक्ति सामंत ने संगीतकार के रूप में एसडी बर्मन को लिया। फिर उन्होंने आर.डी.बर्मन को लिया। इससे पहले उन्होंने हमेशा अपनी फिल्मों के लिए ओ.पी. नैयर और शंकर जयकिशन को लिया।

    5फिल्म मेरा नाम जोकर (1970)

    film mera naam joker

    मेरा नाम जोकर एक कल्ट फिल्म है, जिसे बनने में पूरे 6 साल लगे थे। इस फिल्म के राज कपूर ने अपनी पूरी जमा पूंजी लगा दी थी और अपना घर तक गिरवी रख दिया था। इतना ही नहीं, इस फिल्म में दो इंटरवल थे। साधना और शर्मीला टैगोर मेरा नाम जोकर के दूसरे भाग के कलाकारों का हिस्सा बनने जा रहे थे। लेकिन फिल्म ठंडे बस्ते में चली गई थी।

     

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    6फिल्म बॉम्बे टू गोवा (1972)

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    बॉलीवुड के महानतम संगीत निर्देशकों में से एक आरडी बर्मन की शानदार रचनाओं की बदौलत यह फिल्म विशेष रूप से अपने गानों के लिए जानी जाती है। इस फिल्म के पोस्टर में सभी एक्टर्स की हाथ से बनाई हुई तस्वीर हैं। पोस्टर भी फिल्म की तरह एकदम जानदार था। 

    7फिल्म सीता और गीता (1972)

    film seeta aur geeta

    हेमा मालिनी की यह फिल्म पहले अभिनेत्री आशा पारेख को ऑफर हुई थी, लेकिन कहा जाता है कि उन्होंने इसे करने से मना कर दिया था। फिल्म की सफलता पार्टी में जीपी सिप्पी ने अपने बेटे निर्देशक रमेश सिप्पी से कहा कि उन्हें धर्मेंद्र और हेमा मालिनी के साथ एक एक्शन फिल्म बनानी चाहिए और अंततः क्लासिक 'शोले' की शुरुआत वहीं से हुई।

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    8फिल्म पाकीजा (1972)

    film pakeezah poster

    इस फिल्म को बनने में पूरे 14 साल लगे थे। फिल्म को 1958 में लॉन्च किया गया था, जिसे कमल अमरोही और मीना कुमारी द्वारा संयुक्त रूप से नियोजित किया गया था। इसे ब्लैक एंड व्हाइट में लॉन्च किया गया था, लेकिन जब कलर प्रचलन में आया, तो अमरोही ने पहले से शूट किए गए उन हिस्सों को हटा दिया और फिर से शुरू करने का फैसला किया।

    9फिल्म अभिमान (1973)

    film abhiman poster

    फिल्म का नाम शुरू में राग रागिनी था लेकिन निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी ने बाद में शीर्षक बदल दिया, यह महसूस करते हुए कि यह फिल्म के मूड के अनुकूल है। ऐसा कहा जाता है कि अमिताभ और जया फिल्म के वास्तविक निर्माता थे; इसलिए बैनर को अमीया पिक्चर्स कहा गया। साथ फिल्म के पोस्टर को बड़ी खूबसूरती से हाथों से बनाया गया था।

    10फिल्म चांदनी (1989)

    film chandni

    यश राज चोपड़ा की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक 'चांदनी' उस दौर में बनी थी, जब एक्शन फिल्मों का चलन था। कहा जाता है कि एक बार यश चोपड़ा अपनी कार में यात्रा कर रहे थे और उन्होंने सड़क पर केवल एक्शन फिल्मों के पोस्टर देखे। फिर उन्होंने एक रोमांटिक प्रेम कहानी बनाने का फैसला किया जो उनकी खूबी थी और तभी 'चांदनी' का जन्म हुआ। इस फिल्म का पोस्टर भी बड़ा शानदार था, जिसमें श्रीदेवी की सोलो पिक्चर थी। श्रीदेवी सिनेमा की सबसे टैलेंटेड अभिनेत्रियों में से एक थी, इसलिए सिर्फ उनकी तस्वीर वाला पोस्टर होना ही फिल्म की सफलता के लिए काफी था।